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स्विस बैंकों में जमा रकम के लिहाज से भारत 73वें और पाक 72वें स्थान पर

2017 में भारत 73वें स्थान पर पहुंच गया. इस मामले में ब्रिटेन टॉप पर बना हुआ है. साल 2016 में भारत का स्थान इस मामले में 88वां था

Bhasha

स्विस बैंकों में किसी देश के लोगों और कंपनियों के जमा कराए धन के मामले में 2017 में भारत 73वें स्थान पर पहुंच गया. इस मामले में ब्रिटेन टॉप पर बना हुआ है. साल 2016 में भारत का स्थान इस मामले में 88वां था.

हाल में जारी स्विस नेशनल बैंक की एक रपट के मुताबिक, 2017 में स्विस बैंकों में भारतीयों की जमा रकम में 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और यह करीब 7,000 करोड़ रुपए हो गई. 2016 में इसमें 44 फीसदी की गिरावट आई थी और भारत का स्थान 88वां था.


बस एक पायदान नीचे पाकिस्तान

इस लिस्ट में पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान का स्थान भारत से एक ऊपर यानी 72वां हो गया है. हालांकि यह उसके पिछले स्थान से एक कम है क्योंकि उसके जमा कराए धन में 2017 के दौरान 21 फीसदी की कमी आई है.

स्विस नेशनल बैंक की रपट में इस धन को ग्राहकों की देनदारी बताया गया है. इसलिए यह साफ नहीं होता कि इसमें से कितना कथित कालाधन है.  स्विट्जरलैंड के इस केंद्रीय बैंक की ओर से हर साव आधिकारिक आंकड़े जारी किए जाते हैं. इन आंकड़ों में भारतीयों, अनिवासी भारतीयों की ओर से विदेशी कंपनियों के जरिए जमा कराई रकम शामिल नहीं है.

अक्सर यह आरोप लगाया जाता है कि भारतीय और बाकी देशों के लोग अपनी अवैध कमाई को स्विस बैंकों में जमा कराते हैं, जिसे टैक्स से बचने की सुरक्षित पनाहगाह माना जाता है.

अगले साल मिलेगी जानकारी

हालांकि स्विट्जरलैंड ने भारत समेत कई देशों के साथ सूचना साझा करने की संधि पर हस्ताक्षर किए हैं. इससे अब भारत को अगले साल जनवरी से स्विस बैंक में धन जमा करने वालों की जानकारी मिलना शुरू हो जाएगी.

जमा धन के हिसाब से 2015 में भारत का स्थान इस सूची में 75वां और 2014 में 61वां था. ब्रिटेन इस सूची में पहले और अमेरिका दूसरे स्थान पर है. टॉप दस देशों की सूची में वेस्ट इंडीज, फ्रांस, हांगकांग, बहामास, जर्मनी, गुएर्नसे, लक्जमबर्ग और केमैन आईलैंड शामिल हैं.

2008 के बाद सुधरी हालत

ब्रिक्स देशों की सूची में चीन का स्थान 20वां , रूस का 23वां , ब्राजील का 61वां, दक्षिण अफ्रीका का 67वां है. पड़ोसी मुल्कों में मॉरीशस का स्थान 77वां, बांग्लादेश का 95वां, श्रीलंका का 108वां , नेपाल का 112वां और अफगानिस्तान का 155वां स्थान है.

साल 1996 से 2007 के बीच भारत इस सूची में टॉप के 50 देशों में शामिल था. उसके बाद 2008 में वह 55वें, 2009 और 2010 में 59वें, 2011 में 55वें, 2012 में 71वें और 2013 में 58वें स्थान पर रहा.