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आधी अधूरी नींद स्वास्थ्य के लिए खतरनाक, हो सकती हैं कई सारी बीमारी

देश में दिल की बढ़ती बीमारियों का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 2025 तक हार्ट अटैक से होने वाली मौत की दर 295 प्रति लाख आबादी होने का अनुमान है

Bhasha

नींद हमेशा ही पूरी और गहरी होनी चाहिए नहीं तो वह हमारे दिल को समय से पहले बूढ़ा कर देती है. एक सर्वे के मुताबिक, पिछले 50 साल में हमारी औसत नींद में डेढ़ घंटे की कमी आई है.

दिल के लिए सबसे खतरनाक कारकों में नींद की कमी पहले नंबर पर है और वह दिल को समय से पहले बूढ़ा कर हमारे स्वस्थ रहने की उम्मीदों को आशंका में बदल देती है.


जयपुर के नारायण मल्टीस्पेशियलिटी हॉस्पिटल ने विश्व ह्रदय दिवस के मद्देनजर एक सर्वे किया. इस सर्वे में पाया गया कि अपर्याप्त नींद, नियमित व्यायाम का अभाव, धूम्रपान और हाई ब्लड प्रेशर हमारे दिल के लिए सबसे खतरनाक कारक हैं. इसमें भी नींद में कमी बेशी को ह्रदय के लिए सबसे खतरनाक माना गया.

किन लोगों को हैं सबसे ज्यादा खतरा?

ह्रदय रोग विशेषज्ञ डॉ निखिल चौधरी के अनुसार, इस अध्ययन में पाया गया कि हर दिन सात घंटे से कम और नौ घंटे से ज्यादा सोने वालों के ह्रदय को सबसे ज्यादा खतरा है. यानी उनमें कोरोनरी हार्ट डिजीज (सीएचडी) की आशंका ज्यादा है.

डॉ चौधरी ने कहा कि बदलती जीवनशैली और खानपान के बीच आधी अधूरी नींद या बहुत ज्यादा सोना हमारे ह्रदय को, हमारे शरीर से पहले ही बूढ़ा कर रहा है जो बहुत ही खतरनाक संकेत है. अस्पताल में पिछले दो महीने में 576 लोगों पर किए गए एक सर्वे में पाया गया कि आधे से ज्यादा लोगों का ह्रदय उनकी खुद की उम्र से 10-33 साल ज्यादा बूढ़ा हो चुका है.

सुकून भरी नींद बेहद जरूरी

डॉ चौधरी ने कहा कि स्वस्थ ह्रदय के लिए पर्याप्त और अच्छी नींद बहुत मायने रखती है. अच्छी नींद से मतलब है कि आदमी सुकून से सोये. उसकी नींद इतनी गहरी हो कि मोबाइल की बैटरी, व्हाटसएप के मैसेज और ईमेल की चिंता उसमें खलल न डाल सके.

क्या करें?

डॉक्टरों के अनुसार, हर दिन आधे घंटे का व्यायाम, शाम को चाय और काफी से दूरी और एक दिन में कम से कम सात घंटे की नींद हमारे दिल के स्वस्थ रहने के लिए काफी है. उन्होंने कहा कि अगर ह्रदय स्वस्थ रहे तो 75 साल से कम आयु के लोगों में दिल के दौरे के मामलों में 80 प्रतिशत तक कमी आ सकती है.

देश में दिल की बढ़ती बीमारियों का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 2025 तक हार्ट अटैक से होने वाली मौत की दर 295 प्रति लाख आबादी होने का अनुमान है. ऐसी आशंका है कि साल 2025 तक कार्डियोवैस्क्यूलर रोग सर्वाधिक जानलेवा रोग बन जाएगा. डॉक्टरों का कहना है कि चैन की नींद, हमारे ह्रदय को स्वस्थ रखते हुए उसकी उम्र बढ़ा सकती है जो इंसान के स्वस्थ जीवन में बहुत महत्वपूर्ण होगी.