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इनकम टैक्स बिल: पीएम ने दिया आखिरी मौका

स्वेच्छा से ब्लैकमनी घोषित करने की आखिरी तारीख 30 दिसंबर 2016 है.

Pratima Sharma

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काला धन छिपाकर रखने वालों को एक आखिरी मौका दिया है. सरकार ने मंगलवार को लोकसभा में इनकम टैक्स संशोधन बिल पेश किया. इस बिल के जरिए सरकार काले धन को सिस्टम में शामिल करने की कोशिश कर रही है.

संशोधित इनकम टैक्स बिल के तहत स्वेच्छा से ब्लैकमनी घोषित करने की आखिरी तारीख 30 दिसंबर 2016 है.


मोटी पेनाल्टी और सरचार्ज

जो लोग इस तारीख तक अपनी अघोषित आय का खुलासा करते हैं, उनपर 50 फीसदी टैक्स लगाने का प्रस्ताव है. इसमें 30 फीसदी इनकम टैक्स और करीब 20 फीसदी पेनाल्टी और सरचार्ज चुकाना पड़ेगा.

30 दिसंबर के बाद अगर सरकार किसी के काले धन को पकड़ती है तो टैक्स और पेनाल्टी सहित टोटल 85 फीसदी टैक्स वसूलेगी. ऐसी रकम पर 75 फीसदी इनकम टैक्स और 10 फीसदी पेनाल्टी चुकानी पड़ेगी.

इसके अलावा सरकार 25 फीसदी रकम 4 साल के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना फंड में जमा करेगी, जिसपर वह कोई टैक्स नहीं देगी. यह रकम लॉक-इन होगी यानी 4 साल तक करदाता अपना पैसा नहीं निकाल सकता है.

अघोषित आय जाहिर करने पर कर ढांचा

टैक्स          30 फीसदी इनकम टैक्स (घोषित रकम का)

सरचार्ज      33 फीसदी (टैक्स का)

पेनाल्टी      10 फीसदी घोषित (आमदनी का)

टोटल         50 फीसदी लगभग

डिपॉजिट

25 फीसदी घोषित आमदनी का 4 साल के लिए लॉक-इन

इसे एक उदाहरण के जरिए बेहतर ढंग से समझ सकते हैं. मान लीजिए किसी शख्स ने संशोधित इनकम टैक्स बिल के तहत 1 करोड़ रुपए की इनकम जाहिर की. उस रकम पर पेनाल्टी और सरचार्ज मिलाकर उस शख्स को 50 फीसदी टैक्स चुकाना होगा.

यानी 1 करोड़ रुपए में से 50 लाख टैक्स चुकाने में गए. इसके बाद सरकार घोषित रकम का 25 फीसदी प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना में 4 साल के लिए जमा करेगी. यानी 1 करोड़ रुपए का 25 फीसदी 25 लाख रुपए बाकी बचे 50 लाख रुपए में से काटकर गरीब कल्याण योजना में जमा कर देगी.

इसके मायने ये है कि 1 करोड़ रुपए की ब्लैकमनी घोषित करने वाले को अभी 25 लाख रुपए मिलेंगे और 4 साल बाद बाकी के 25 लाख रुपए मिलेंगे. हालांकि, यह साफ नहीं है कि 4 साल बाद 2020 में यह रकम वापस कैसे होगी.

फुस्स हुआ विरोध

जनाक्रोश रैली (PTI)

ऐसा लग रहा है कि नरेंद्र मोदी ब्लैकमनी के ढेर पर बैठने वालों को बख्शने के मूड में नहीं हैं.

मंगलवार 28 नवंबर को विपक्षी पार्टियों ने नोटबंदी के खिलाफ देश भर में जनाक्रोश रैली का आयोजन किया.

इस रैली में कांग्रेस, सीपीआई, सीपीआई-एम और सीपीआई-एमएल ने भाग लिया और विभिन्न बैंकों के आगे विरोध प्रदर्शन किया. हालांकि, यह विरोध पूरी तरह नाकाम रही और नरेंद्र मोदी ने एकबार फिर नए संशोधित बिल से आम आदमी को अपनी तरफ कर लिया है.