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कासगंज हिंसा पर बोले राज्यपाल, यूपी के माथे पर कलंक है यह घटना

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मारे गए युवक चंदन अभिषेक के परिजनों को 20 लाख रुपए मुआवजा देने की घोषणा की है

FP Staff

कासगंज घटना को लेकर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक का भी बयान आया है. राज्यपाल ने कहा, जो कासगंज में हुआ वो किसी को भी शोभादायक नहीं है. वहां जो घटना हुई वो यूपी के लिए कलंक के रूप में हुई है. सरकार उसकी जांच कर रही है. सरकार ऐसे कदम उठाए कि फिर ऐसा न हो.

कासगंज हिंसा मामले में अबतक 32 लोगों को हत्या के मामले में जेल भेजा जा चुका है. इसके अलावा 51 लोगों को हिरासत में लिया गया है. प्रदेश के आईजी संजीव कुमार ने कहा, स्थित सामान्य है और नियंत्रण में है. आज किसी घटना की सूचना नहीं है. हर जगह पुलिस बलों की तैनाती की गई है जो हालात पर बराबर नजर बनाए हुए हैं.

कासगंज के स्थानीय लोगों ने कहा, शहर में धीरे-धीरे शांति लौट रही है. अब प्रशासन को ध्यान रखना है कि आगे कोई घटना न हो.

उधर, प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मारे गए युवक चंदन अभिषेक के परिजनों को 20 लाख का मुआवजा देने की घोषणा की है. यह जानकारी प्रदेश के मुख्य सचिव ने दी.

गणतंत्र दिवस के दिन एक मोटरसाइकिल सवार युवक पर स्थानीय पत्थरबाजों ने हमला कर दिया जब वह एक रैली में हिस्सा ले रहा था. घटना के बाद कासगंज में शनिवार को तीन दुकानों, दो निजी बसों और एक कार में आग लगा दी गई.

लखनऊ में डीजीपी ओपी सिंह ने कहा, हम लोगों से बात कर रहे हैं, दोषी लोग गिरफ्तार किए जा रहे हैं. घर-घर सघन तलाशी का अभियान चलाया जा रहा है. सघन चेकिंग के कारण ही हालात नियंत्रण में है.

घटना के बारे में डीजीपी ने कहा,  दो गुटों में पत्थरबाजी की घटना हुई जिसकी चपेट में एक युवक आ गया. घटना के बाद पुलिस तुरंत हरकत में आई और चारों ओर सुरक्षा के बंदोबस्त बढ़ा दिए गए.

ओपी सिंह से पूछा गया कि क्या तिरंगा यात्रा के लिए पहले से अनुमति ली गई थी? इसपर सिंह ने कहा कि इसकी कोई जरूरत नहीं थी. सिंह ने कहा, 26 जनवरी एक राष्ट्रीय दिवस है, इसलिए किसी अनुमति की जरूरत नहीं होती. वहां प्रभात फेरी निकाली गई जिस पर कुछ असामाजिक तत्वों ने पत्थरबाजी शुरू कर दी. पुलिस तुरंत घटनास्थल पर पहुंच गई और हालात पर काबू पा लिया गया.

क्या है पूरा मामला

गणतंत्र दिवस पर उत्तर प्रदेश के कासगंज में दो समुदायों के बीच हिंसा के बाद इलाके में तनाव बना हुआ है. पुलिस ने इस मामले में अब तक 112 लोगों को गिरफ्तार किया है. हिंसा भड़कने के तीसरे दिन अराजक तत्वों ने एक दुकान में आग लगा दी. हालांकि, स्थिति पर जल्द ही काबू पा लिया गया. पुलिस का दावा है कि स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है. लिहाजा अब कर्फ्यू लागू नहीं किया गया है. इलाके पर ड्रोन कैमरों की मदद से नजर रखी जा रही है.

पुलिस द्वारा रात को जारी किए गए बयान के मुताबिक, कासगंज हिंसा मामले में अब तक कुल 112 लोग गिरफ्तार किए गए हैं. इनमें से 31 अभियुक्त हैं. जबकि 81 अन्य को एहतियातन गिरफ्तार किया गया है. हिंसा के मामले में अब तक पांच मुकदमे दर्ज किए गए हैं. इनमें से तीन कासगंज के कोतवाल की तहरीर पर दर्ज हुए हैं.

पुलिस महानिरीक्षक अलीगढ़ जोन संजीव कुमार गुप्ता ने बताया कि शहर के नदरई गेट इलाके के बाकनेर पुल के पास एक गुमटी में आग लगा दी गई. हालांकि पुलिस ने मुस्तैदी दिखाते हुए हालात को जल्दी काबू कर लिया. नामजद आरोपियों के घरों पर दबिश दी जा रही है. इस दौरान कुछ हथियार बरामद किए गए हैं.

पुलिस महानिदेशक ओ.पी. सिंह ने कहा- हिंसा में शामिल लोगों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून की तामील की जाएगी. घर-घर में तलाशी ली जा रही है. कुछ जगहों पर विस्फोटक तत्व बरामद हो रहे हैं.