view all

स्टरलाइट प्लांट से 3km दूर गांव के हर घर में कैंसर के मरीज

सिल्वरपुरम में करीब 2000 लोग रहते हैं. इसमें 60 से ज्यादा घरों में कैंसर के मरीज हैं

FP Staff

तूतीकोरिन में स्टरलाइट प्लांट का असर कितना भयावह है, इस बात का अंदाजा इस खबर से लगाया जा सकता है. स्टरलाइट प्लांट से सिर्फ 3 किलोमीटर दूर बसे गांव सिल्वरपुरम के हर घर में एक कैंसर का मरीज आपको मिल जाएगा.

एनडीटीवी के मुताबिक, 31 साल की रामलक्ष्मी के पति मुरुगन की मौत तीन साल पहले अंतड़ियों के कैंसर की वजह से हुई थी. अब परिवार में रामलक्ष्मी और उनके दो बच्चे तमिलसेल्वम और तमिल सेल्वी हैं. वह 2500 रुपए महीना कमाती हैं और अपने बच्चों का पेट पालती हैं. उनके बेटे का सपना पुलिस ऑफिसर बनना है.


इसके बाद अगला घर मीरा का है. हाल ही में इनके पति की मौत लीवर कैंसर की वजह से हुई है. मीरा के पास जो कुछ भी था वह सारा पैसा इलाज में चला गया. मीरा के बेटे को मजबूरी में स्कूल छोड़ना पड़ा. अब वह ट्रक की सफाई करता है. मीरा किसी तरह पैसे जोड़कर अपनी बेटी को पढ़ा रही है.

इसी गली में हेलन हेपसिबाह रहती हैं. उन्हें किडनी का कैंसर है. छह साल पहले उनकी दोस्त ए राजासेल्वी की मां का मौत गर्भाशय के कैंसर से हुई थी.

सिल्वरपुरम में करीब 2000 लोग रहते हैं. इसमें 60 से ज्यादा घरों में कैंसर के मरीज हैं. इन सबका कहना है कि स्टरलाइट की वजह से उनके गांव की ये हालत हुई है.