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दिल्ली-UP में धड़ल्ले से बेचे जा रहे हैं अवैध पटाखे, छापेमारी में करोड़ों के पटाखे जब्त

शनिवार को यूपी के उन्नाव में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 10 करोड़ के अवैध पटाखे जब्त किए थे. यह पटाखे यहां एक गोदाम में छिपा कर रखे गए थे

FP Staff

पटाखों पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बावजूद लोग अवैध पटाखे बेचने से बाज नहीं आ रहे हैं. ऐसे में पुलिस भी अब अवैध पटाखों का इस्तेमाल करने वाले लोगों पर सख्त कार्रवाई कर रही है. दिल्ली के सदर बाजार में 625 किलो के अवैध पटाखे जब्त किए गए हैं. पटाखे बेचने वाले आरोपी रविंद्र के खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है.

इसके अलावा दिल्ली के ही सब्जी मंडी इलाके से भी 11.1 किलोग्राम अवैध पटाखे जब्त किए गए. साथ ही बुराड़ी इलाके से भी 7.9 किलो पटाखे जब्त किए गए.

उन्नाव से बरामद हुए 10 करोड़ के अवैध पटाखे

इससे पहले शनिवार को उत्तर प्रदेश के उन्नाव से 10 करोड़ के अवैध पटाखे जब्त किए गए थे. पुलिस ने यह पटाखे उन्नाव के एक गोदाम से बरामद किए थे. उन्नाव के एसडीएम पी. अग्निहोत्री ने कहा कि जिस मात्रा में पटाखे जब्त किए गए हैं, उस मात्रा में इसे बेचने की अनुमति नहीं है. छापामारी के दौरान गादाम के वर्कर इससे जुड़े दस्तावेज नहीं दिखा पाए, इसलिए गोदाम को भी सील कर दिया गया है.

दिल्ली पुलिस ने जारी किए पोस्टर

वहीं दिल्ली पुलिस आम लोगों को पटाखों से पर्यावरण को होने वाले नुकसान और सुप्रीम कोर्ट के इसे लेकर दिए फैसले के बारे में जानकारी देने के लिए पोस्टरों के माध्यम से जागरूक कर रही है. इन पोस्टर्स को दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में लगाया जा रहा है ताकि लोग पटाखों पर सुप्रीम कोर्ट की तरफ से दिए गए दिशा-निर्देशों को जान सकें.

पटाखों पर क्या है सुप्रीम कोर्ट का फैसला?

सुप्रीम कोर्ट ने पिछले दिनों लगातार बढ़ रही वायु प्रदूषण की समस्या को देखते हुए केवल ग्रीन पटाखो को बेचने और जलाने की मंजूरी दी थी, जिससे पर्यावरण को ज्यादा नुकसान न हो. कोर्ट ने पटाखे बेचने और जलाने को लेकर कई दिशा-निर्देश भी जारी किए थे, जैसे लोग दिवाली के दिन केवल 2 घंटे यानी 8 से 10 बजे तक ही पटाखे फोड़ पाएंगे. इसी के साथ केवल वही लोग पटाखे बेच पाएंगे, जिनके पास इन्हें बेचने का लाइसेंस होगा. पटाखे बेचने के लिए भी समयसीमा तय की गई थी.

कंपनियों को दिवालिया होने का डर

वहीं पटाखा मेन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री का कहना है कि अदालत के इस फैसले से त्योहारों के दौरान न सिर्फ पटाखे फोड़ना असंभव जैसा हो जाएगा, बल्कि इससे पटाखा इंडस्ट्री दिवालिया होने की कगार पर भी पहुंच सकती है. साथ ही, पटाखा इंडस्ट्री के पास 2 हजार करोड़ रुपए से भी ज्यादा के बैड डेट (वसूल न होने वाला कर्ज) का संकट खड़ा हो जाएगा.