आईआईटी मद्रास के एक ऐसी तकनीक विकसित की है जो पीने के पानी में आर्सेनिक की मात्रा को काफी हद तक कम कर देगा. इस टेक्नोलॉजी को ‘अमृत’ नाम दिया गया है.
लोकसभा में एक प्रश्न के उत्तर में पीने के पानी और स्वच्छता राज्य मंत्री रमेश चंदप्पा जिगाजिनागी ने कहा, ‘आईआईटी-मद्रास ने पीने के पानी में आर्सेनिक की मात्रा 0.01 मिलीग्राम प्रति लीटर के स्तर से कम करने के लिए एक टेक्नोलॉजी का विकास किया है. इस टेक्नोलॉजी को ‘अमृत’ आर्सेनिक और मेटल रिमूवल बाई इंडियन टेक्नोलॉजी नाम दिया गया है.’
उन्होंने कहा, ‘इस टेक्नोलॉजी में नैनो स्केल का आयरन ऑक्सी हाइड्रोक्साइड का प्रयोग होता है जो उससे गुजरने वाले आर्सेनिक को ढूंढकर अलग करता है. यह जल प्यूरीफायर के लिए विकसित किया गया है.’’ मंत्री ने कहा कि आईआईटी-मद्रास द्वारा विकसित यह प्रौद्योगिकी घरेलू और सामुदायिक दोनों स्तर पर उपलब्ध है.
साभार न्यूज़ 18