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आइडिया-वोडाफोन विलय पर सेबी ने मांगी सफाई

कंपनी 4.9 प्रतिशत हिस्सेदारी के लिए 3,874 करोड़ रुपए का भुगतान करेगी

Bhasha

सेबी ने आइडिया सेल्युलर से वोडाफोन की भारतीय इकाई से उसके प्रस्तावित विलय पर स्पष्टीकरण मांगा है.

इससे पहले पिछले महीने दोनों कंपनियों ने इस प्रस्तावित विलय पर भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग से इस संबंध में उसकी अनुमति के लिए संपर्क किया था.


मार्च में वोडाफोन इंडिया और आइडिया सेल्युलर ने अपने परिचालन के विलय की घोषणा की थी. इस विलय के बाद बनने वाली नई कंपनी देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी हो जाएगी जिसका मूल्य 23 अरब डॉलर होगा और उसके पास बाजार में 35 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी.

बिड़ला के पास आइडिया की 26 प्रतिशत हिस्सेदारी है

विलय प्रस्ताव के अनुसार ब्रिटेन की वोडाफोन के पास नई कंपनी में 45.1 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी जबकि आदित्य बिड़ला समूह की आइडिया के पास 26 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी. इसमें कंपनी 4.9 प्रतिशत हिस्सेदारी के लिए 3,874 करोड़ रुपए का भुगतान करेगी.

बची हुई 28.9 प्रतिशत हिस्सेदारी अन्य शेयरधारकों के पास रहेगी. इससे पहले आइडिया ने सेबी से इस प्रस्तावित विलय के लिए अप्रैल में अनुमति मांगी थी.

इस पर सेबी ने इस प्रस्तावित सौदे में शामिल मर्चेंट बैंकर से स्पष्टीकरण मांगा है. सेबी ने क्या स्पष्टीकरण मांगा है इस बारे में अभी कुछ निर्धारित नहीं किया जा सकता है. इस संबंध में आइडिया को भेजे गए ई-मेल का जवाब भी नहीं मिला है.