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आइडिया-वोडाफोन मर्जर एलान के बाद शेयर धड़ाम

टेलिकॉम ऑपरेटर आइडिया के बोर्ड ने वोडाफोन के साथ मर्जर को मंजूरी दे दी है.

FP Staff

टेलिकॉम ऑपरेटर आइडिया के बोर्ड ने वोडाफोन के साथ मर्जर को मंजूरी दे दी है. इस घोषणा के बाद आइडिया सेल्युलर लिमिडेट के शेयर बड़ी तेजी से ऊपर आए. लेकिन उसके बाद शेयर में जोरदार गिरावट देखी गई. स्टॉक 14.73 फीसदी गिर गया. शुरुआती कारोबार आइडिया के शेयर 14.68 फीसदी चढ़े थे.

आइडिया सेल्युलर लिमिडेट के शेयर 29 अप्रैल 2016 के बाद से सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गए थे.


मनीकंट्रोल की खबर के मुताबिक, नई कंपनी में वोडाफोन के पास 45% हिस्सेदारी होगी. जबकि आइडिया के पास 26% हिस्सेदारी होगी. आइडिया प्रोमोटर्स के पास 130 रुपए प्रति शेयर के हिसाब से एडिशनल 9.5% हिस्सेदारी खरीदने का अधिकार रहेगा. आगे जाकर आदित्य बिड़ला ग्रुप और वोडाफोन का हिस्सा बराबर हो जाएगा.

वोडाफोन इंडिया और इसके पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी वोडाफोन मोबाइल सर्विसेज लिमिटेड और आदित्य बिड़ला ग्रुप के आइडिया सेल्युलर का विलय हो जाएगा.

मर्जर के बाद यह देश की सबसे बड़ी टेलिकॉम कंपनी बन जाएगी. फिलहाल भारती एयरटेल सबसे बड़ी कंपनी है. मर्जर के बाद बनने वाली नई कंपनी देश में टेलिकॉम सेक्टर में देश की सबसे बड़ी कंपनी होगी. इसके करीब 38 करोड़ कस्टमर्स होंगे.

रिपोर्ट्स के अनुसार, वोडाफोन और आइडिया के मर्जर से बनने वाली कंपनी का रेवेन्यू 77,500 करोड़ से 80,000 करोड़ रुपए होगा. 7 सर्कल्स में वोडाफोन इंडिया के स्पेक्ट्रम और आइडिया के 2 स्पेक्ट्रम जिनका परमिट 2021-22 में खत्म हो रहा है, उनकी कंबाइंड वैल्यू पिछली नीलामी की कीमत के हिसाब से 12,000 करोड़ रुपए है.

खबरों के मुताबिक, नई कंपनी का रेवेन्यू देश की टेलिकॉम इंडस्ट्री के कुल रेवेन्यू का 43 प्रतिशत होगा. नई कंपनी के पास भारतीय बाजार के कुल 40 प्रतिशत मोबाइल सब्सक्राइबर्स और कुल आवंटित स्पेक्ट्रम का 25 प्रतिशत हिस्सा होगा.

सूत्रों के मुताबिक, वोडाफोन मर्जर के बाद बनने वाली कंपनी में सीईओ और सीएफओ पद का चुनाव करेगा जबकि कंपनी का चेयरमैन घोषित करने का हक आइडिया को होगा.