सोमवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की विशेष अदालत ने अनिक सैयद और अकबर इस्माइल चौधरी को लुंबिनी पार्क और कोटी स्थित गोकुल चाट में बम रखने के लिए मौत की सजा सुनाई. इस बम ब्लास्ट में 43 लोगों की मौत हो गई थी. वहीं तीसरे दोषी तारिक अंजुम को उम्रकैद की सजा दी गई है.
11 साल चले मुकदमे के बाद 4 सितम्बर को अदालत ने अनिक और अकबर को यह कहते हुए दोषी ठहराया था कि वे 25 अगस्त, 2007 को दो जगहों पर बम रखने के दोषी हैं. कोर्ट ने सजा के लिए आज की तारीख मुकर्रर कर रखी थी.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक एनआईए के स्पेशल पब्लिक प्रोसेक्यूटर सुरेंद्र ने कहा कि अदालत ने दो दोषियों को तीन मामलों में मौत की सजा सुनाई है- गोकुल चाट और लुंबिनी पार्क में बम लगाने और तीसरा बम जो दिलसुखनगर में रखा था पर फटा नहीं. ऑपरेशन के मास्टरमाइंड रियाज भटकल और इकबाल भटकल को अपने घर में पनाह देने वाले तारीक अंजुम को कोर्ट ने जेल की सजा सुनाई थी.
सजा के ऐलान से पहले जब कोर्ट ने दोषियों से पूछा कि उन्हें कुछ कहा है तो अनिक और अकबर ने कहा कि पुलिस उन्हें गलत तरीके से फंसा रही है. तारिक ने कहा कि भटकल भाइयों के बारे में उसे पता नहीं था और वे कभी उसके साथ नहीं रहे. अभियोजन पक्ष ने तर्क दिया कि वे सभी जानते थे कि वे क्या कर रहे थे और मृत्युदंड की मांग की थी.
दोषियों के वकील ने फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि 'ये बहुत ही कमजोर फैसला है. हम इसके खिलाफ हाईकोर्ट जाएंगे.'