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ह्यूमन राइट्स के लॉयर गिरीश पटेल का 86 साल की उम्र में निधन

हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से लॉ में मास्टर डिग्री लेने के बाद पटेल ने एक लॉ कॉलेज में पढ़ाया. इसके बाद उन्होंने गुजरात हाईकोर्ट में वकालत शुरू की

Bhasha

प्रख्यात मानवाधिकार कार्यकर्ता और वकील गिरीश पटेल का शनिवार को अहमदाबाद के उनके आवास पर वृद्धावस्था संबंधी बीमारियों के कारण निधन हो गया. उनके परिवार के करीबी लोगों ने यह जानकारी दी.

पटेल (86) हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के छात्र रह चुके थे. उनके परिवार में उनकी पत्नी और दो बेटियां हैं. उनके परिवार के करीबी रहे लोगों ने बताया कि शनिवार सुबह करीब चार बजे उनका देहांत हुआ. उन्होंने बताया कि उम्र संबंधी बीमारियों के चलते अहमदाबाद के एक निजी अस्पताल में उन्हें भर्ती कराया गया था और हाल में उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी.


हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से लॉ में मास्टर डिग्री लेने के बाद पटेल ने एक लॉ कॉलेज में पढ़ाया. इसके बाद उन्होंने गुजरात हाईकोर्ट में वकालत शुरू की, जहां उन्होंने हाशिये पर खड़े लोगों का समर्थन किया और गरीब, दलितों, किसानों और मजदूरों से जुड़े कई मुद्दों पर सैकड़ों जनहित याचिकाएं दायर कीं.

उनकी उल्लेखनीय जनहित याचिकाओं में से एक सूरत के गन्ना किसानों के लिए न्यूनतम मजदूरी की मांग थी. पटेल नर्मदा बचाओ आंदोलन से भी जुड़े थे ओर उन्होंने सरदार सरोवर नर्मदा बांध परियोजना के कारण विस्थापित आदिवासियों के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी. पटेल ने साबरमती रिवरफ्रंट समेत विभिन्न सरकारी परियोजनाओं के कारण विस्थापित लोगों के लिए मामले लड़े.

1972 में वह तीन साल के लिए गुजरात राज्य विधि आयोग के सदस्य चुने गए. भ्रष्टाचार और आर्थिक संकट के खिलाफ राज्य में 1974 के नवनिर्माण आंदोलन में उन्होंने सक्रिय रूप से हिस्सा लिया था.

(फीचर्ड इमेज http://www.oasiswebsite.com से साभार)