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'सेक्स चैट' स्कैंडल: केरल सरकार की साख पर उठा सवाल

परिवहन मंत्री ए के शशींद्रन को इस्तीफा देने को मजबूर होना पड़ा है.

Naveen Nair

केरल की लेफ्ट फ्रंट सरकार को बहुत बड़ी सियासी शर्मिंदगी का सामना करना पड़ रहा है. परिवहन मंत्री ए के शशींद्रन को इस्तीफा देने को मजबूर होना पड़ा है. शशींद्रन पर आरोप है कि वो फोन पर महिलाओं से सेक्स चैट करते थे. इस वजह से पी विजयन की सरकार की बहुत किरकिरी हो रही है.

अपने कार्यकाल के दसवें महीने में विजयन सरकार के दूसरे मंत्री को इस्तीफ़ा देना पड़ा है. इससे पहले पिछले साल अक्टूबर में ई पी जयराजन को भाई-भतीजावाद के इल्जाम में मंत्रिपद से इस्तीफा देना पड़ा था.


ये विवाद उस वक्त उठा है, जब लेफ्ट फ्रंट की दो बड़ी पार्टियां सीपीआई और सीपीएम पहले से ही तमाम राजनीतिक मुद्दों पर आमने-सामने हैं.

ए के शशींद्रन के सेक्स चैट के ऑडियो टेप नए शुरू हुए मलयालम चैनल मंगलम टीवी ने रविवार सुबह टेलीकास्ट किए थे. ये टीवी चैनल लोकप्रिय पत्रिका मंगलम से जुड़ा है.

हालांकि सिर्फ टेप दिखाए जाने के बाद शशींद्रन का इस्तीफा चौंकाने वाला फैसला था. केरल में आम तौर पर मंत्री भ्रष्टाचार के आरोपों पर इस्तीफे नहीं देते. लेकिन उन्होंने कालीकट में अचानक प्रेस कांफ्रेंस बुलाकर इस्तीफे का एलान कर दिया.

शशींद्रन ने कहा कि, 'मेरे इस्तीफे का ये मतलब न निकाला जाए कि मैं इकबाल-ए-जुर्म कर रहा हूं. मैं बेगुनाह हूं. मैंने मुख्यमंत्री ने निष्पक्ष जांच की मांग की है. जांच होने तक मेरा मंत्री बने रहना ठीक नहीं होता, क्योंकि तब मुझ पर जांच को प्रभावित करने का आरोप लगता. इसी वजह से मैंने खुद ही इस्तीफा देने का फैसला किया'.

जब शशींद्रन से पूछा गया कि क्या टीवी चैनल के दिखाए ऑडियो क्लिप में उन्हीं की आवाज थी, तो उन्होंने इसका सीधा जवाब नहीं दिया. शशींद्रन ने कहा कि, 'मेरे किसी भी महिला से ऐसे बात करने का कोई तुक नहीं बनता. ऐसे में मुझे नहीं पता कि ये क्या है'.

पी विजयन (फाइल फोटो)

इससे पहले ऑडियो क्लिप के टीवी चैनल पर दिखाए जाने से मुख्यमंत्री विजयन काफी नाराज दिखे. जब वो पार्टी के दफ्तर पर मीडिया से रूबरू थे, तो उन्होंने कहा कि ये न्यूज चैनल की कारस्तानी है. क्योंकि चैनल अभी-अभी लॉन्च हुआ है, तो लोगों को जोड़ने के लिए ऐसे नुस्खे आजमा रहा है.

मुख्यमंत्री विजयन ने कहा कि, 'जब उन्होंने मुझे चैनल के उद्घाटन के लिए बुलाया था, तो मैंने उनसे पूछा था कि वो पहले कुछ दिनों में कौन सा बम फोड़ने वाले हैं. अब हमें पता है कि उन्होंने क्या किया है. मैंने मामले की जांच के आदेश दे किए हैं. पहले जांच पूरी हो जाने दें'.

विवादित मंत्री के इस्तीफे के बावजूद विपक्ष का रुख हमलावर है. कांग्रेस की अगुवाई में विरोधी दल इस मुद्दे को मलप्पुरम उप चुनाव में जोर-शोर से उठाने की तैयारी कर रहे हैं.

विपक्ष के नेता रमेश चेन्निथला ने कहा कि, 'ये मामला मंत्री के इस्तीफे से खत्म नहीं होने वाला. इस इस्तीफे से विजयन सरकार के मंत्रिमंडल की नैतिकता पर सवाल उठे हैं. इससे लोगों का भरोसा टूटा है. मुख्यमंत्री को पूरे मुद्दे की बारीकी से पड़ताल करनी चाहिए'.

पिनयारी विजयन सरकार पर पहले ही यौन अपराधों को लेकर लापरवाही बरतने के आरोप लग रहे हैं. विपक्ष का कहना कि लेफ्ट फ्रंट की सरकार महिलाओं को सुरक्षा देने में नाकाम रही है. अब एक कैबिनेट मंत्री इस तरह की हरकत करते पाए गए हैं, तो मुख्यमंत्री समेत पूरी कैबिनेट कठघरे में खड़ी की जा रही है.

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एम एम हसन ने कहा कि लेफ्ट फ्रंट की सरकार महिलाओं को बेहतर सुरक्षा देने के वादे के साथ सत्ता में आई थी. अब अगर मंत्री ही सेक्स चैट कर रहे हैं, तो इससे इस सरकार की हरकत का अंदाजा लगाया जा सकता है. ये बेहद शर्मिंदगी की बात है.

वैसे इस मामले में साजिश के पहलू भी नजर आते हैं. चैनल ने जो ऑडियो क्लिप चलाई, उसमें महिला बड़ी दबी आवाज में बात कर रही है. चैनल का कहना है कि ये महिला की पहचान छुपाने की नीयत से किया गया. लेकिन कुछ लोगों का मानना है कि मंत्री शशींद्रन अपनी ही पार्टी के कुछ नेताओं के बिछाए जाल में फंस गए हैं.

फिर चैनल को लेकर भी नैतिकता का सवाल भी उठ रहा है. आखिर चैनल सिर्फ़ अपने फायदे के लिए आधा सच दिखाकर पूरी सच्चाई बताने की जिम्मेदारी से कैसे बच सकता है.

ए के शशींद्रन और उनकी पार्टी के विधायक थॉमस चांडी की सियासी दुश्मनी सबको पता है. दोनों ही नेताओं के बीच मंत्री बनने का दावा करने की होड़ थी. शशींद्रन और थॉमस चांडी, एनसीपी के विधायक हैं.

जब दोनों के बीच चुनाव की बात आई थी, तो पिनयारी विजयन के लिए शशींद्रन पहली पसंद थे. हालांकि एनसीपी और सीपीएम के बीच ये तय हुआ था कि कार्यकाल के बीच में शशींद्रन को हटाकर थॉमस चांडी को मंत्री बनाया जाएगा. मगर एक साल के भीतर ही ये मामला सामने आने से इसमें सियासी साजिश की बू आ रही है. हालांकि मुख्यमंत्री के करीबी कह रहे हैं कि सरकार एनसीपी के दूसरे विधायक को मंत्री बनाने की हड़बड़ी में नहीं है.

यौन उत्पीड़न के आरोप में मंत्री के इस्तीफे के बाद मुख्यमंत्री विजयन दबाव में हैं. ये मामला सीपीएम की राज्य समिति की बैठक के ठीक पहले सामने आया है. इससे विजयन को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ रहा है.

इससे पहले सीपीएम की राज्य इकाई की बैठक में भी सरकार के कामकाज पर नाखुशी जताई गई थी. मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी वाले गृह विभाग के कामकाज पर उंगली उठी थी. आरोप ये है कि महिलाओं के उत्पीड़न और बच्चियों से रेप के मामलों पर रोक लगाने में पुलिस नाकाम रही है. पिछले कुछ महीनों में ऐसे कई मामले सामने आए हैं.

इस नए विवाद ने मुख्यमंत्री पिनयारी विजयन की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. अब उन्हें सरकार की छवि सुधारने के लिए बड़ा अभियान छेड़ना होगा. वरना सरकार की पहली सालगिरह का जश्न मनाने लायक कुछ नहीं होगा.