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बारिश की मार: बाढ़ में कैसे सेफ रखें अपनी कार

मुंबई की बारिश और बाढ़ में गाड़ियां खराब हो जाती हैं जिन्हें दुरुस्त करवाने में भारी-भरकम खर्च आता है

Manish Kumar

मंगलवार को मुंबई पानी-पानी हो गया. मूसलाधार बारिश होने की वजह से हमेशा दौड़ता-भागता रहने वाले इस शहर की सड़कों से लेकर रेलवे स्टेशनों और हवाईअड्डा तक पानी में डूब गया.

अगर आप मुंबई की बाढ़ में सड़क पर अपनी गाड़ी से सफर कर रहे हों तो आप नहीं चाहेंगे कि आपकी गाड़ी खराब होकर बंद पड़ जाए. और आपको उसे रिपेयर कराने में भारी-भरकम खर्च का बोझ सहना पड़े.


हम आपको कुछ जरूरी बातें बता रहे हैं जिससे आपकी गाड़ी बाढ़ के पानी में भी खराब नहीं होगी और बाद में स्टार्ट होने में परेशानी नहीं देगी.

गाड़ी का इंजन बंद रखिए 

अगर आप पानी से भरे सड़क पर कार चलाते रहते हैं तो उस स्थिति में बाढ़ का पानी हवा के साथ कार के इंजन में समाने का खतरा रहेगा. सबसे पहली चीज जो करनी चाहिए वो ये कि कार का इंजन फौरन बंद कर देना चाहिए. इससे हवा के साथ-साथ पानी का इंजन में आना रूक जाएगा और कार का इंजन खराब नहीं होगा.

लेकिन अगर हवा में नमी हो तब भी आप गाड़ी के इंजन को बंद कर देना चाहिए. क्योंकि अंदर आने वाली हवा से नमी इंजन में प्रवेश कर जाएगी जिससे कार की पिस्टन खराब हो जाएंगे और इंजन जाम पड़ जाएगा. बाद में इंजन को दुरुस्त करवाने में 20 हजार से लेकर 80 हजार रुपए तक का खर्च आएगा जो यह इस बात पर निर्भर करता है केि आपकी गाड़ी कौन सी है. इसलिए बारिश और बाढ़ में कार खराब होने से पैदल चलना बेहतर है.

रोड के किनारे गाड़ी खड़ी करिए

अपनी कार को यूं ही कहीं भी मत पार्क करिए. ये देख लीजिए कि आप अपनी गाड़ी सड़क के किसी किनारे पर खड़ी हो. संभव हो तो किसी पोल या पेड़ों से दूर हो. आप नहीं चाहेंगे कि भारी बारिश में आपकी गाड़ी पर कोई पेड़ या पोल गिरे, चाहेंगे कि नहीं ? और अगर आप अपनी कार को छोड़ नहीं सकते तो उसे धक्का देकर किसी ऊंची जगह पर ले जाइए उसके बाद उसे फिर से स्टार्ट करने की कोशिश करिए.

बैटरी को निकालिए 

अगर आप निकाल सकें तो कार की बैटरी को निकाल लीजिए. ये आपकी गाड़ी को किसी संभावित शॉर्ट सर्किट होने से बचाएगी. बैटरी को दोबारा जोड़कर कार स्टार्ट करने से पहले चेक कर लेें कि लाइट, हॉर्न, एसी, स्विच वगैरह सबकुछ ठीक ढंग से काम कर रहा है या नहीं. अगर थोड़ी भी स्पार्किंग हो रही हो तो अपने मैकेनिक को बुलाकर उसकी जांच करवाएं और ठीक कराएं. बाद में आप कुछ पार्टस के रिपेयर का इंश्योरेंस कंपनी से क्लेम भी कर सकते हैं.

गाड़ी निकालने से पहले कुछ दिन तक इंतजार करिए

अगर आप मुंबई जैसी बारिश या बाढ़ में फंस चुके हैं तो पानी उतरने के बाद भी अपनी कार को स्टार्ट मत कीजिए. हो सकता है कि हवा में कुछ नमी रह गई हो जो गाड़ी के चलने पर हवा के साथ इंजन के अंदर आ सकता है और उसे खराब कर सकता है. इसलिए कार और उसके इंजन को कुछ दिनों तक बंद रखकर उसे सूखने दें इसके बाद ही उसे दोबारा से स्टार्ट करें.

कार को अंदर से सुखाएं

अगर बाढ़ के पानी में कार पूरी तरह से डूब गई हो और गाड़ी के केबिन में पानी घुस गया हो तो उसे जल्दी से सुखाना होगा. अगर ऐसा नहीं हुआ तो कार की सीट और उसमें लगे फैब्रिक पर फंगस (फफूंद) लगने लगेगा. कार की खिड़कियों और दरवाजे को खोल दें (पानी उतरने की स्थिति पर) और गाड़ी की फ्लोर पर तौलिया रखकर पानी को सुखाएं. पानी सूख जाने पर अपनी कार में नया सीट कवर, फ्लोर मैट और डोर पैनल लगवाएं.