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अब चेहरे से भी होगा आधार वेरीफिकेशन, जानिए खास बातें

आधार डाटा की ये सुविधा 1 जुलाई 2018 से शुरू होगी

FP Staff

आधार कार्ड के बायोमेट्रिक डेटा में सरकार एक बड़ा बदलाव करने जा रही है. 1 जुलाई 2018 से यूआईडीएआई में फेस ऑथेंटिकेशन भी होगा. ये सुविधा सिर्फ उन लोगों के लिए होगी जिनकी बाकी दो बायोमेट्रिक पहचान लेने में कोई असुविधा है. कई बार मजदूरी जैसे श्रम करने या बुढ़ापे के चलते फिंगर प्रिंट मिट जाते हैं.

अभी आधार कार्ड बनवाने में दो तरह का बायोमेट्रिक डेटा लिया जाता है. व्यक्ति को फिंगर प्रिंट और आंख की पुतलियों का ऑथेंटिकेशन देना पड़ता है. काफी समय से ये सवाल उठ रहा था कि जो लोग इन दो कंडीशन में फिट नहीं बैठते उनका क्या होगा.


फेस ऑथेंटिकेशन का मोड सभी के लिए उपलब्ध होगा मगर इसे इस्तेमाल करने के लिए कम से कम एक और तरीका जरूरी होगा. खास जरूरत पर अलग से फेस ऑथेंटिकेशन भी दिया जाएगा.

इस ऑथेंटिकेशन सर्विस को लागू करने के लिए यूएआईडीआई बायोमेट्रिक डिवाइस प्रोवाइडर्स के साथ काम भी करेगा. यूएआईडीआई सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट किट और रजिस्टर डिवाइस सर्विस देगा जिससे अलग-अलग ऑपरेटिंग सिस्टम पर चेहरे की तस्वीर कैप्चर करने, जीवित है या नहीं चेक करने और ऑथेंटिकेशन करने की सुविधा मिलेगी.

यूएआईडीआई के मुताबिक फेस ऑथेंटिकेशन सामान्य तौर पर किसी दूसरे मोड के साथ मिलाने पर काम करेगा. इसके लिए एयूए सर्वर में ज़रूरी बदलाव करने होंगे. अभी भी आधार में चेहरे की तस्वीर रहती है. आधार का इनपुट लेने वाले सारे लैपटॉप या मोबाइल में कैमरा होता है इसलिए लोगों को नई तस्वीर खिंचवाने के लिए किसी नई मशीन की ज़रूरत नहीं पड़ेगी. एक मार्च 2018 को यूएआईडीआई इस मामले में ज़रूरी जानकारी रिलीज़ करेगा. फेस ऑथेंटेकिशेन की अतिरिक्त सुविधा 1 जुलाई 2018 से इस्तेमाल के लिए उपलब्ध होगी.