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घरेलू महिलाएं किसी कुशल श्रमिक की तरह सेवाएं देती हैं: कोर्ट

ये बात 32 साल की एक गृहिणी को 30 लाख 63 हजार रूपए का मुआवजा अदा करने का आदेश देते हुए कहा

Bhasha

दिल्ली के एक कोर्ट ने कहा है गृहिणियां किसी कुशल श्रमिक की तरह सेवा देती हैं.

ये बात गाड़ी दुर्घटना दावा पंचाट ने 32 साल की एक गृहिणी को 30 लाख 63 हजार रूपए का मुआवजा अदा करने का आदेश देते हुए कहा जिसने 4 साल पहले एक सड़क दुर्घटना में अपना पैर खो दिया था.


वह महिला 2013 में अपने 6 महीने के बच्चे के साथ सड़क पार कर रही थी. तभी लापरवाही से चलाई जा रही एक आरटीवी ने उसे टक्कर मार दी. महिला 80 प्रतिशत विकलांगता से ग्रस्त हुई जबकि उसके नन्हे बच्चे को सिर में चोट लगी.

पंचाट के पीठासीन अधिकारी अरूण भारद्वाज ने कहा कि कोई गृहिणी किसी कुशल श्रमिक की तरह सेवा देती है.

पंचाट ने दुर्घटना करने वाली आरटीवी के बीमाकर्ता टाटा एआईजी जनरल इन्श्योरेंस कंपनी लिमिटेड को महिला को 30 लाख 63 हजार रूपए और उसके बच्चे को 10 हजार रूपए का जुर्माना देने का निर्देश दिया.

पीड़ित महिला की याचिका के अनुसार वह दो अक्टूबर 2013 को अपने नन्हें बच्चे के साथ जैतपुर मोड़ पर आश्रम रोड पार कर रही थी जब आरटीवी ने उसे टक्कर मारी. इस टक्कर के बाद वह अपने बच्चे के साथ गिर पड़ी और दोनों को चोटें आईं.

कार्यवाही के दौरान दुर्घटना करने वाले वाहन का चालक और मालिक अदालत में अपना पक्ष रखने के लिए उपस्थित नहीं हुए.