फ्रांस में आल्प्स पहाड़ियों के बीच स्थित माउंट ब्लैंक पर एक खोजकर्ता को मानव अवशेष मिले हैं. बताया जा रहा है कि ये अवशेष उन लोगों के हो सकते हैं जो करीब 50 साल पहले एयर इंडिया फ्लाइट क्रैश में मारे गए थे. 1966 में हुए विमान हादसे में कुल 117 यात्रियों की मौत हुई थी. मरने वालों में भारत में परमाणु तकनीकी के अग्रमी वैज्ञानिक और भारतीय परमाणु कार्यक्रम के जनक माने जाने वाले होमी जहांगीर भाभा भी थे.
मानव अवशेष की खोज करने वाले डेनियल रोशे ने कहा, 'मैंने इससे पहले इन पहाड़ियों पर कभी भी मानव अवशेष जैसे साक्ष्य नहीं पाए. इस बार मुझे एक हाथ और एक पैर का ऊपरी हिस्सा मिला है.'
डेनियल ने बताया कि उन्हें जो अवशेष मिले हैं, वो 1966 विमान हादसे के दौरान के ही हैं. संभवत: ये मानव अवशेष एक महिला के हैं जो उस विमान में सवार थी. उसका दावा इसलिए सही माना जा रहा है क्योंकि उसे उस विमान का एक जेट इंजन भी मिला है.
जानिए क्या हुआ था 1966 में
जनवरी 1966 में मुंबई से न्यूयॉर्क जा रहा एयर इंडिया का बोइंग 707 विमान माउंट ब्लैंक पहाड़ियों के पास हादसे का शिकार हो गया. इस हादसे में विमान में सवार सभी 117 यात्रियों की मौत हो गई थी.
अगर डेनियल की बात में सच्चाई निकली कि वो मानव अवशेष बोइंग 707 में सवार यात्रियों में से ही किसी एक का था तो यह एक बड़ी खोज साबित होगी. भारतीयों के लिए वो हादसा इसलिए भी यादगार है क्योंकि इसी हादसे में भारत ने अपने एक न्यूक्लियर साइंटिस्ट को खो दिया था.
उस समय से इस हादसे को लेकर कई बातें होती रही हैं. कई लोगों का मानना है कि इस विमान को साजिश के जरिए दुर्घटना का शिकार बनाया गया. कुछ लोगों का मानना है कि इस विमान में बम धमाका हुआ था जबकि कुछ का कहना है कि इसे मिसाइल या लड़ाकू विमान के जरिए गिराया गया था. इसके पीछे तर्क है कि सीआईए ने भारतीय परमाणु कार्यक्रम को रोकने के लिए भाभा की हत्या की साजिश रची थी.