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हिंदू संगठनों की मांग: खुले में नमाज पर हो बैन, जहां 50% से ज्यादा मुस्लिम सिर्फ वहीं मिले अनुमति

संयुक्त हिंदू संघर्ष समिति के नेतृत्व में कई संगठनों ने सोमवार को गुरुग्राम में प्रदर्शन किया

FP Staff

संयुक्त हिंदू संघर्ष समिति के नेतृत्व में कई संगठनों ने सोमवार को गुरुग्राम में प्रदर्शन किया. उनका ये प्रदर्शन नमाज में खलल डालने वाले छह लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किए जाने को लेकर था. हिंदू संगठनों की मांग है कि आरोपियों के खिलाफ दर्ज मामला वापस लिया जाए और शहर में खुले में नमाज पढ़ने पर बैन लगाया जाए.

सीएम को लिखा खत


आपको बता दें कि 20 अप्रैल को छह लोगों ने सेक्टर 53 में एक खाली पड़े प्लॉट में नमाज में खलल डाला था. साथ ही संगठनों के कार्यकर्ताओं ने धमकी भी दी कि शुक्रवार को वो सड़कों पर उतरेंगे ताकि नमाज खुले में न पढ़ी जा सके. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, कमला नेहरू पार्क में सुबह करीब 10.30 बजे प्रदर्शनकारी इक्ट्ठा हुए. प्रदर्शनकारियों ने मिनी सेक्रेटेरियट की ओर मार्च किया. साथ ही हरियाणा सीएम मनोहर लाल खट्टर के नाम एक खत को डिप्टी कमिश्नर विनय प्रताप सिंह को सौंपा.

क्या लिखा है खत में

खत में हिंदू संगठनों की ओर से कहा गया है कि पिछले करीब डेढ़ महीने से गुरूग्राम के वजीराबाद में कुछ लोग अवैध तरीके से जमीन हड़पने के लिए एक जगह नमाज पढ़ रहे हैं. 'पाकिस्तान जिंदाबाद', 'हिंदुस्तान मुर्दाबाद' के नारे लगा कर वहां का माहौल खराब किया जा रहा है. हिंदू कॉलोनियों और सेक्टरों में खुले में नमाज पढ़ने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. जहां मुस्लिमों की आबादी 50 फीसदी से ज्यादा है सिर्फ वहीं खुले में नमाज पढ़ने की अनुमति होनी चाहिए.

हम पर झूठे आरोप लगाए जा रहे

वहीं जो लोग हर शुक्रवार को उस जगह पर नमाज पढ़ रहे हैं, उन्होंने हिंदू संगठनों द्वारा लगाए सभी आरोपों को खारिज किया है. नेहरू युवा संगठन वेलफेयर सोसाइटी चेरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष वाजिद खान ने कहा कि नमाज पढ़ते वक्त हम आपस में भी बात नहीं करते, ऐसे में नारे लगाने का सवाल ही नहीं उठता. हम पर झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं.

आपको बता दें कि इस मामले में पिछले हफ्ते छह लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. ये सभी वजीराबाद और कनहाई इलाके रहने वाले हैं. इन सभी को रविवार को जमानत मिल गई थी.