view all

ऊंची जाति के देवता की मूर्ति छूने पर दलित की पिटाई, शुद्धिकरण के लिए मांगा बकरा

हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में एक दलित व्यक्ति को कथित तौर पर सिर्फ इसलिए पीटा गया और जातिवादी टिप्पणियां की गई क्योंकि उस व्यक्ति ने ऊपरी जाति के देवता की पालकी को छू दिया था

FP Staff

हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में एक दलित व्यक्ति को कथित तौर पर सिर्फ इसलिए पीटा गया और जातिवादी टिप्पणियां की गई क्योंकि उस व्यक्ति ने ऊपरी जाति के देवता की पालकी को छू दिया था. स्थानीय पुलिस ने इस मामले में एससी/एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है लेकिन अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है. यह घटना 3 सितंबर की है.

मंडी जिले के नंदी गांव के रहने वाले जालपू राम अपनी बेटी के घर से लौट रहे थे. रास्ते में दासोट गांव में ऊपरी जाति के तिलक राज के आंगन में गुग्गा देवता की पालकी रखी हुई थी. जालपू राम देवता से आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए उनके सम्मान में झुक गए. पालकी को छूने पर तिलक राज और अन्य ऊंची जाति के लोगों ने इसकी निंदा की और कथित रूप से जालपू राम को मारा. इसके अलावा उन लोगों ने देवता को शुद्ध करने की एवज में एक बकरी की मांग भी की.


जालपू राम ने बताया कि मैं अपनी बेटी के घर से लौटते वक्त बहन के घर जा रहा था तभी मैंने गुग्गा देवता को देखा. मैं उनके पास गया और आशीर्वाद लेने की कोशिश की. हालांकि मुझे ऊंची जाति के लोगों ने मारा और जातिवादी टिप्पणियां भी की. उन लोगों ने मुझसे एक बकरा फाइन के रूप में मांगा और धमकी दी कि अगर मैंने बकरा नहीं दिया तो वो मेरे टुकड़े-टुकड़े कर देंगे.

न्यूज-18 की खबर के मुताबिक, बताया जा रहा है कि घटना के समय जालपू राम शराब के नशे में थे. मारपीट को लेकर गोहर पुलिस स्टेशन में एक एफआईआर दर्ज की गई थी. हालांकि इस एफआईआर में इस बात का जिक्र नहीं था कि जालपू राम की जाति के वजह से यह सब हुआ. इसके बाद एक एनजीओ ने मंडी डीएसपी से मिलकर इस मामले में एससी/एसटी एक्ट के तहत अलग मामला दर्ज करवाया.