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हिमाचल: ST से शादी करने पर महिला को नहीं मिलेगा आरक्षण

आरोप है कि महिला ने अनुसूचित जनजाति का झूठा प्रमाण पत्र दिया

FP Staff

हिमाचल हाईकोर्ट ने बुधवार को एक अहम फैसला सुनाते हुए हाईकोर्ट के एक मामले में ये साफ कर दिया है कि कोई महिला अनुसूचित जनजाति के पुरुष के साथ शादी करती है तो उसे आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा.

हिमाचल हाईकोर्ट के कार्यवाहक जस्टिस संजय करोल और जस्टिस अजय गोयल की खंडपीठ ने याची विजयलक्ष्यी की अपील को खारिज करते हुए ये फैसला सुनाया.


विजयलक्ष्मी द्वारा याचिका के मुताबिक, वे यूपी में एक ब्राह्मण परिवार में पैदा हुई थी. साल 1972 में चंबा में एक गद्दी परिवार के शख्स से उसकी शादी हुई. इसके बाद साल 1985 में महिला को अनुसूचित जनजाति प्रमाण पत्र जारी किया गया.

इसी आधार पर महिला को 1986 में शिक्षिका की नौकरी भी मिल गई. हालांकि, 25 साल की सेवा के बाद उसे 2011 में झूठा प्रमाण पत्र देने के आरोप में चार्जशीट किया गया. आरोप है कि महिला ने अनुसूचित जनजाति का झूठा प्रमाण पत्र दिया.

साल 2013 में स्थानीय प्रशासन ने उसका एसटी प्रमाण पत्र खारिज कर दिया. इसके बाद विजयलक्ष्मी ने हाईकोर्ट की शरण ली. अब हाईकोर्ट ने भी महिला के खिलाफ फैसला सुनाया है और कहा कि एसटी से शादी करने पर महिला को आरक्षण नहीं मिलेगा.