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सीटबैल्ट, हेलमेट न लगाना पड़ेगा मंहगा, हर दिन जा रही 43 की जान

सड़क हादसों को रोकने के लिए परिवहन मंत्रालय ने कुछ अहम कदम भी उठाए हैं

FP Staff

दिल्ली में बिना हेलमेट और सीट बेल्ट के सफर करना लोगों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है. परिवहन मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार 2016 में हेलमेट ना पहनने की वजह से 28 लोगों की मौत हुई है. वहीं कार में सीटबेल्ट नहीं लगाने पर 15 लोगों को जान से हाथ गंवाना पड़ा.

आंकड़ों की माने तो 2016 में प्रत्येक 100 सड़क हादसों में 31 लोगों की मौत हुई है. हर साल ये आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. जहां 2005 में प्रत्येक 100 सड़क हादसों में मरने वालों की संख्या 21.6 फीसदी थी. वहीं 2015 में ये बढ़कर 29.1 हो गई है.


टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, ये पहली बार है जब पुलिस और राज्यों के परिवहन मंत्रालयों ने हेलमेट और सीट बेल्ट न लगाने के कारण होने वाली मौतों का आंकड़ा जारी किया है. राज्यों ने जो आंकड़े जारी किए हैं. उनमें सामने आया है कि हर एक पांच में से एक बाइक सवार की मौत हेलमेट न लगाने की वजह से हुई है और मरने वालों की संख्या 10,135 हो गई है.

आंकड़े बताते है कि हेलमेट ना पहनने की वजह से यूपी में सबसे ज्यादा 3,818, महाराष्ट्र में 1,113 और तमिलनाडु में 1,946 लोगों की मौत हुई है.

पिछले साल संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में कहा गया कि अगर चालक उपयुक्त हेलमेट का इस्तेमाल करते हैं, तो उनके बचने की संभावनाए 42 फीसदी तक होती हैं.

वहीं सीटबैल्ट न लगाने से अब तक देश भर में 5,638 लोगों की मौत हो चुकी है. इसमें भी यूपी में मरने वालों की संख्या सबसे ज्यादा है जोकी 2,741 बताई गई है. आंकड़ों के मुताबिक, जहां 2015 में सड़क हादसों में 1.46 लाख लोगों की मौत हुई. वहीं 2016 में सड़क हादसों में 1.51 लाख लोगों की मौत हुई है. मरने वालों में 68 फीसदी लोग 18 से 45 की उम्र के बीच के हैं.

सड़क हादसों को रोकने के लिए परिवहन मंत्रालय ने कुछ अहम कदम भी उठाए हैं. जैसे कि टू व्हीलर्स में एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम (एबीएस) को अनिवार्य किया गया. इसके अलावा भारत की सड़कें पैदल चलने वालों के लिए भी बेहद जानलेवा हैं. जहां 2015 में 13,894 पैदल चलने वालों की मौत हुई. वहीं 2016 में 15,796 लोग कुचले गए. तेज रफ्तार और ओवरटेक सड़क हादसों के मुख्य कारण बने हुए हैं.