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कम उम्र में लोग क्यों हो रहे हैं हार्ट अटैक के शिकार?

आखिर ऐसी क्या वजह है कि कम उम्र में लोग दिल की बीमारियों के शिकार हो रहे हैं

mohini Bhadoria

देश में अभी 3 करोड़ से ज्यादा लोग दिल से जुड़ी बीमारियों के शिकार हैं. इसका सबसे बड़ा कारण वर्क लोड, स्मोकिंग, अल्कोहल, जंक फूड का सेवन जैसी आदतें बताई गई हैं. सवाल सबसे बड़ा ये है कि अब तक लोगों को लगता आ रहा था की हर्ट अटैक ज्यादा उम्र वाले लोगों को होता है. लेकिन हाल ही में हुई बॉलीवुड के सुपरस्टार इंदर कुमार (जो सिर्फ 44 साल के थे) की मौत ने लोगों को चौंका दिया है.

जुलाई के महीने में हुए सर्वे के मुताबिक देश में हर साल 3 सेकेंड में किसी ना किसी इंसान की हार्ट अटैक से मौत होती है. इसमें से 50 फीसदी लोग 50 साल से अधिक उम्र वाले हैं और 25 फीसदी लोग लगभग 40 साल की उम्र के हैं.


आमतौर पर लोग अपने लाइस्टाइल में इतना व्यस्त हो जाते हैं कि वो भूल जाते है कि उन्हें अपनी सेहत का भी ध्यान रखना है. इसी तरह युवाओं में जो क्रेज जिम ज्वाइन कर बॉडी बनाने का है वह भी खतरे की ओर इशारा देता है.

18 से 25 साल के बीच के युवा

स्मोकिंग और अल्कोहल: अक्सर इस उम्र के युवा दूसरों की देखा-देखी में स्मोकिंग और अल्कोहल की आदत लगा लेते हैं, जिसके वो आदी हो जाते हैं. डॉक्टरों के मुताबिक ये आदतें इंसान के अंदर कार्डियोवस्कुलर डिजिज जैसी बीमारी के लक्षण पैदा कर देते हैं. इसके बाद बॉडी में फैट बनता है और उसे फिर कोरोनरी हार्ट बीमारी हो जाती है.

वहीं ज्यादा तादाद में शराब पीने से बल्ड प्रेशर बढ़ता है जिसका सीधा असर बल्ड वेसैल्स पर पड़ने से हार्ट पंपिग शुरू हो जाता है. इससे हार्ट अटैक होने का खतरा बढ़ जाता है.

जंक फूड: आमतौर पर युवा पीढ़ी अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में जंक फूड पर निर्भर हैं, जिसमें वो तली चीजों का ज्यादातर इस्तेमाल करते हैं. इससे शरीर में कैलोरी की मात्रा बढ़ती है और इसका सीधा प्रभाव सीधा दिल पर पड़ता है.

ओवर टाइम: 30-40 के बीच के उम्र वाले लोग अपनी लाइफस्टाइल में इतने व्यस्त हो जाते हैं कि अपने खाने पीने पर ध्यान नहीं देते हैं और बाहर की चीजों पर रोक नही लगा पाते हैं. वो सारा टाइम ऑफिस में कंप्यूटर का इस्तेमाल करते हैं और इसके बाद भी वो घर वापस आकर भी फोन इस्तेमाल करते हैं.

इसमें सबसे पहला कारण सोशल मीडिया जैसी चीजें जल्द लोगों पर प्रभाव डालती हैं. जिसकी वजह से वर्क लोड सीधा बल्ड वेसेल्स पर असर डालता है. इसी के कारण युवा पीढ़ी और मिडल ऐज के लोग बल्ड प्रेशर जैसी बीमारी का शिकार होते जा रहे हैं.

स्टेरॉयड का साइड इफेक्ट

आज की युवा पीढ़ी में जिम ज्वाइन करने का सबसे बड़ा शौक है. यहां युवाओं को हैवी न्यूट्रीशंस लेने की सलाह दी जाती है. न्यूट्रीशंस के चक्कर में युवा एम्बोलिक स्टेरॉयड जैसी प्रोडक्ट इस्तेमाल करने हैं. इसके प्रयोग से हार्ट अटैक होने की संभावना रहती है और युवा हार्ट से जुड़ी बीमारी का शिकार हो जाते हैं.

कैसे मिले इस बीमारी से निजात

एक्सरसाइज: ये एक ऐसा उपाय है जिससे हर्ट अटैक और अन्य बीमारियां भी दूर हो जाती हैं. डॉक्टरों के मुताबिक अगर रोजमर्रा की जिंदगी में हर पीढ़ी एक्सरसाइज करे तो दिल से जुड़ी बीमारियां से उन्हें राहत मिलेगी. एक्सरसाइस करने से बॉडी में बल्ड सरकुलेट होता है जिससे सारी बीमारियों से निजात मिलता है.

देश में हर्ट पेशेंट की संख्या बढ़ने का मुख्य कारण लाइफ स्टाइल, फास्ड फूड तो है ही साथ ही प्रदूषण भी है. वाहनों, फैक्ट्री और गांवों में चूल्हे का धुआं, सांस के साथ फेफड़ों में जा रहा है, जिससे दिल भी बीमार हो रहा है.