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दूसरे चरण में 3.4 करोड़ बच्चों का होगा एमआर टीकाकरण

नौ महीने से लेकर पंद्रह साल से कम उम्र के सभी बच्चों को इस अभियान के दौरान मीजल्स-रूबेला का एक टीका लगाया जाएगा

Bhasha

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मीजल्स और रूबेला (एमआर) टीकाकरण अभियान की शुरूआत कर दी है जिसके तहत 3.4 करोड़ बच्चों को इसमें शामिल करने की उम्मीद है ताकि देश में इन बीमारियों के मामलों को कम किया जा सके.

एक आधिकारिक बयान के मुताबिक आठ राज्य और केंद्र शासित प्रदेश- आंध्र प्रदेश, चंडीगढ़, दादरा और नागर हेवली, दमन और दीव, हिमाचल प्रदेश, केरल, तेलंगाना और उत्तराखंड- इस चरण के हिस्से होंगे.


बयान के अनुसार अभियान का पहला चरण फरवरी 2017 में पांच राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से शुरू हुआ था- तमिलनाडु, कर्नाटक, गोवा, लक्षद्वीप और पुडुचेरी और इसमें 3.3 करोड़ से ज्यादा बच्चों में टीकाकरण किया गया था जो लक्षित आयु वर्ग का 97 प्रतिशत था.

यह अभियान स्कूल, सांप्रदायिक केंद्रों व स्वास्थ्य सुविधाओं में चलाया गया था.

दूसरे चरण में सरकार का लक्ष्य 3.4 करोड़ बच्चों को शामिल करना है.

कुल 41 करोड़ बच्चों को टीका लगाने का लक्ष्य

चरणवार शुरू किए गए इस अभियान का लक्ष्य लगभग 41 करोड़ बच्चों को शामिल करना है.

नौ महीने से लेकर पंद्रह साल से कम उम्र के सभी बच्चों को इस अभियान के दौरान मीजल्स-रूबेला का एक टीका लगाया जाएगा.

अभियान के बाद, एमआर टीका नियमित टीकाकरण का हिस्सा बन जाएगा और वर्तमान में 9-12 महीने और 16-24 महीने के बच्चों को दिए जा रहे मीजल्स टीके की जगह लेगा.

बयान के मुताबिक, 'अभियान का लक्ष्य समुदायों में मीजल्स और रूबेला के प्रति रोग प्रतिरोधक क्षमता को तेजी से बढ़ाना है ताकि बीमारी को खत्म किया जा सके, इसलिए सभी बच्चों को अभियान के दौरन एमआर टीका लगना चाहिए. जिन बच्चों को यह टीका लग गया है, अभियान से मिले डोज से उनकी प्रतिरोधक क्षमता को अतिरिक्त बढ़ावा मिलेगा.'