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न्यायिक प्रणाली नष्ट कर रही है हरियाणा सरकार : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के एक आदेश के खिलाफ 5 साल बाद अपील दायर करने पर हरियाणा सरकार पर जुर्माना लगाया

Bhasha

सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार पर कठोर टिप्पणी की है. सर्वोच्च अदालत ने हाईकोर्ट के एक आदेश के खिलाफ पांच साल बाद अपील दायर करने पर हरियाणा सरकार पर पांच लाख रूपए का जुर्माना लगाया है.


सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि वह प्रक्रिया का ‘खुल्लमखुल्ला दुरूपयोग’ कर न्यायिक प्रणाली को नष्ट कर रही है.

चीफ जस्टिस जगदीश सिंह खेहर, जस्टिस धनंजय वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस संजय किशन कौल की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने कहा, ‘आप (हरियाणा सरकार) न्यायिक प्रणाली नष्ट कर रहे हैं.

पांच लाख रूपए का जुर्माना

आप जो सवाल उठा रहे हैं उसकी व्याख्या हाईकोर्ट पहले ही कर चुका है. कितनी बार आपके लिए हमें इसकी व्याख्या करनी होगी? आप एक मामले में हाईकोर्ट के आदेश को पांच साल आठ महीने बीतने पर चुनौती दे रहे हैं. जो अब समय सीमा के बाहर है.’

पीठ ने कहा, ‘यह ऐसा उचित मामला है जिसमें सरकार न्यायिक प्रणाली नष्ट करना चाहती है. यही समय है कि हम आप पर ऐसी याचिकाएं दायर करने के कारण प्रत्येक याचिका के लिए पांच लाख रूपए का जुर्माना लगाएं.’

वकील को भी आड़े हाथ लिया 

पीठ इस बात से नाराज थी कि छह अलग-अलग मंचों पर जाने के बाद सुप्रीम कोर्ट में मामले में निर्धारित अवधि से पांच साल से भी अधिक समय बाद अपील दायर की गई है. कोर्ट ने राज्य सरकार को सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर नहीं करने की सलाह नहीं देने पर उसके वकील को भी आड़े हाथ लिया.

कोर्ट ने वकील से कहा, ‘आप छह अलग अलग न्यायिक मंचों पर गए जिनके पास इन मामलों की सुनवाई का अधिकार नहीं था और अब आप सुप्रीम कोर्ट आए हैं. आपने अपने मुवक्किल को सलाह क्यों नहीं दी कि ऐसा नहीं किया जा सकता है.’

सुप्रीम कोर्ट श्रमिक मसलों से संबंधित हरियाणा राज्य सहकारी श्रमिक एवं निर्माण फेडरेशन लिमिटेड की अपील पर सुनवाई कर रही थी.

कोर्ट ने यह अपील खारिज करते हुए कहा, ‘यह सरकार द्वारा सरासर न्यायिक प्रक्रिया का दुरूपयोग है और वह इससे निपटेगा.’