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चेन्नई में 13 अक्टूबर से इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल

इस बार महोत्सव में ‘साइंस विलेज’ का आयोजन किया जाएगा

Bhasha

साइंस और टेक्नोलॉजी मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने शुक्रवार को कहा कि इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल 13 से 15 अक्तूबर तक चेन्नई में होगा जिसकी थीम होगी 'आम आदमी के लिए विज्ञान'. उन्होंने कहा कि पुर्तगाल, नेपाल, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के साइंस और टेक्नोलॉजी मंत्री इसमें हिस्सा लेंगे.

हर्षवर्धन ने बताया कि 15 अक्तूबर को महोत्सव के समापन समारोह को उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू संबोधित करेंगे.


उन्होंने बताया कि इस बार महोत्सव में ‘साइंस विलेज’ का आयोजन किया जाएगा. इसके आयोजन का मकसद है ग्रामीण समाज के सामने आ रही चुनौतियों का वैज्ञानिक समाधान उन तक पहुंचाया जा सके. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत सांसदों ने जिन गांवों को गोद लिया था, वहां के पांच छात्रों एवं एक अध्यापक को इसमें आमंत्रित किया गया है.

साइंस और टेक्नोलॉजी मंत्री ने बताया कि अभी तक 170 सांसदों ने इसके लिए गोद लिये गए अपने गांवों के छात्रों की भागीदारी की पुष्टि की है. उन्होंने कहा कि सरकार को उम्मीद है कि अंतिम समय तक इन सांसदों की संख्या मे और इजाफा होगा. उन्होंने कहा कि इस बार भारत अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव का यह तीसरा संस्करण होगा.

उन्होंने कहा कि इसके पिछले दो संस्करण दिल्ली में आयोजित हुए थे तथा सरकार ने महसूस किया कि चूंकि चेन्नई, बेंगलुरु और हैदराबाद एक प्रकार से हमारे ‘साइंस सिटी’ बन रहे हैं इसलिए इस बार इसे दिल्ली से बाहर आयोजित करने का निर्णय किया गया.

2015 में बना था वर्ल्ड रिकॉर्ड

उन्होंने कहा कि महोत्सव के तहत महिला वैज्ञानिक एवं उद्यमी सम्मेलन, राष्ट्रीय विज्ञान अध्यापक कार्यशाला, जमीनी अभिनव प्रयोग करने वालों की शिखर बैठक, राष्ट्रीय स्टार्ट अप शिखर बैठक, जन संचार गोलमेज बैठक और अन्य आयोजन भी होंगे.

मंत्री ने बताया कि 2015 में इस महोत्सव ने गिनीज बुक ऑफ रिकार्ड में स्थान बनाया था. इस बार भी ‘विशालतम जीवविज्ञान पाठ’ के जरिए गिनीज बुक ऑफ रिकार्ड में स्थान पाने का प्रयास रहेगा. इस प्रयास में कक्षा नौ एवं 10 के 10,000 छात्र चेन्नई में हिस्सा लेंगे.

उन्होंने बताया कि महोत्सव में 14 से 16 अक्तूब तक भारत अंतरराष्ट्रीय विज्ञान फिल्म उत्सव भी आयोजित किया जाएगा. इसमें नौ देशों की 24 फिल्मों और 29 भारतीय फिल्मों को दिखाया जाएग.

हर्षवर्धन ने एक प्रश्न के उत्तर में इस बात से इंकार किया कि भारत में वैज्ञानिक वाम और दक्षिणी खेमे में बंट गए हैं. उन्होंने कहा, ‘वैज्ञानिकों के बीच केवल एक ही धरातल होता है और वह है विज्ञान. इसमें कोई वाम या दक्षिण नहीं होता.'