view all

टीचर को रिहा किया जाए, रोका जाए सस्पेंशन- हरीश रावत

महिला ने कहा कि सीएम रावत नेता हैं, कोई भगवान नहीं और प्रदेशवासियों को लूटकर खा रहे हैं. ये चोर मुख्यमंत्री हैं

FP Staff

जनता दरबार में अपनी फरियाद लेकर पहुंची एक महिला अध्यापक को सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के द्वारा सस्पेंड करने के बाद राजनीति गरमा गई है.

उत्तराखंड के पूर्व सीएम ने समाचार एजेंसी एएनआई ने बात करते हुए कहा कि हमारा सिस्टम कितना असंवेदनशील हो गया है कि एक विधवा शिक्षक 25 साल तक रिमोट एरिया में तैनात है और कोई भी उसकी बात ना सुने. पुलिस को उस महिला को रिहा करना चाहिए और सीएम को उसका सस्पेंशन रोकना चाहिए.


मालूम हो कि एक महिला शिक्षिका उत्तरा पंत पिछले 20 सालों से उत्तरकाशी के एक प्राइमरी स्कूल में तैनात है और लंबे समय से अपने ट्रांसफर करने की मांग कर रही है. लेकिन अब तक उनका ट्रांसफर नहीं हुआ, जिससे गुस्सा होकर महिला शिक्षिका ने अपना सारा गुस्सा सीएम रावत और जनता दरबार में मौजूद अधिकारियों पर निकाल दिया.

वहां मौजूद अधिकारी कुछ समझ पाते इससे पहले ही महिला ने सीएम रावत को खूब खरी-खोटी सुना दी. महिला के अचानक शोर मचाने से वहां अफरा-तफरी का माहौल हो गया. महिला के अनुसार वह एक विधवा है और उसके बच्चे देहरादून में रहते हैं. वह पिछले 20 सालों से एक ही स्कूल में पढ़ा रही है और कई दिनों से अपने ट्रांसफर के लिए अफसरों के ऑफिसों के चक्कर काट रही है, लेकिन उसकी कोई नहीं सुन रहा है.

महिला के इस तरह शोर मचने पर आस-पास के लोगों ने उसे रोकने की कोशिश की लेकिन महिला नहीं मानी. इस पर सीएम रावत ने महिला शिक्षिका से शांत होने को कहा. उन्होंने कहा कि शांत हो जाओ, वरना तुम्हारी नौकरी चली जाएगी. इसके बाद जब शिक्षिका शांत नहीं हुई, तो महिला पुलिस कर्मियों ने काबू पाने की कोशिश की और उसे खींचते हुए जनता दरबार से बाहर ले गईं. बाहर जाते-जाते भी महिला ने सीएम रावत से अभद्रता करते हुए उन्हें चोर तक कह दिया. महिला ने कहा कि सीएम रावत नेता हैं, कोई भगवान नहीं और प्रदेशवासियों को लूटकर खा रहे हैं. ये चोर मुख्यमंत्री हैं.

जब फरियादी शिक्षिका द्वारा सीएम रावत के लिए अमर्यादित शब्दों का इस्तेमाल किया गया, तो वो भड़क गए और अपने पद की गरिमा के विपरीत महिला को भरे दरबार में सस्पेंड करने के आदेश दे दिए. उन्होंने महिला शिक्षिका को हिरासत में लेने का भी आदेश दिया.

इसके बाद महिला को सुरक्षाकर्मी पकड़कर बाहर ले गए. वहीं, इस घटना के बाद शिक्षिका उत्तरा पंत को शिक्षा सचिव भूपेंद्र कौर औलख ने सस्पेंड करने के आदेश जारी कर दिए. इस दौरान सीएम रावत के जनता दरबार में करीब 150 से ज्यादा लोग मौजूद थे.