कहते हैं एक बच्चे को जितनी जरूरत एक मां की होती है उतनी ही जरूरत है एक पिता की भी होती है. भले ही पिता ऊपर से कितने भी कठोर हों मगर अपने बच्चे के लिए उनके दिल में जो प्यार होता है उसका अंदाजा कोई दूसरा नहीं लगा सकता.
वो एक पिता ही होता है जो दिन भर की मेहनत और थकान के बाद भी अपने बच्चे का चेहरा देखकर खुशी से खिल उठता है. अमूमन दुनिया का हर पिता अपने बच्चे के बेहतर भविष्य के लिए जिंदगी भर मेहनत करता रहता है और अपने चेहरे पर एक शिकन तक नहीं आने देता.
पिता कभी अपने बच्चों के लिए उनके सुपरमैन बन जाता है तो कभी मुसीबात में उनकी ढाल बन जाता है. कभी घोड़ा बन कर बच्चों को अपनी पीठ पर बिठा लेते हैं तो कभी उनके बेस्ट फ्रेंड बन कर उनकी सारी समस्याओं को हल कर लेते है. कहते हैं. एक मां अगर प्यार, ममता और त्याग का दूसरा नाम है तो पिता को जिम्मेदारी और सुरक्षा लेने वाला माना जाता है. मेरे ख्याल से एक मां और पिता दोनों ही इन शब्दों के पर्याय हैं, जो अपनी छोटी-छोटी ख्वाहिशों को दफन कर अपने औलाद की हर इच्छा पूरी करते हैं.
पिता के इसी प्यार को दर्शाता आज का यह दिन यानी 'फादर्स डे' देश भर में प्रेम भाव से मनाया जा रहा है. लेकिन क्या आपको पता है सबसे पहले फादर्स डे कब और किसने मनाया था. दरअसल सबसे पहली बार यह 19 जून, 1910 को मनाया गया था. इसकी शुरुआत अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन के स्पोकेन शहर में हुई थी. इसकी शुरुआत सोनोरा डॉड ने की थी.
दरअसल अपनी मां के निधन के बाद सोनोरा अपन पिता के साथ रहती थीं. सोनोरा के लिए वो ही माता और पिता दोनों की भूमिका निभाते थे. सोनोरा ने एक दिन सोचा क्यों न मदर्स डे की तरह फादर्स डे भी मनाया जाए. तभी से पूरी दुनिया फादर्स डे मनाने लगी.
भारत में फादर्स डे 17 जून को मनाया जा रहा है. लेकिन यूरोप में यह 19 मार्च को मनाया जा चुका है. दरअसल कैथोलिक धर्म में सेंट जोसेफ को पिता के समान माना जाता है वहीं दक्षिण यूरोप में यीशू के पिता के रूप में माना जाता है. मगर इस दिन को लोग पूरी दुनिया में ठीक उसी तरह सेलिब्रेट करते हैं जैसे मदर्स डे को.
पिछले साल 18 जून को भारत में फादर्स डे मनाया गया था. दरअसल हर साल यह जून में तीसरे हफ्ते के रविवार को मनाया जाता है. अमेरिका में 1966 में राष्ट्रपति लिंडन जॉनसन ने इसे जून के तीसरे हफ्ते में मनाने का फैसला लिया था. वहीं 1972 में इस दिन अमेरिका में छुट्टी की घोषणा कर दी गई थी.
बताया जाता है कि 1924 में अमेरिका के राष्ट्रपति कैल्विन कुलिज ने इस दिन को राष्ट्रीय समारोह के रूप में मनाने का ऐलान किया था.