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गुटखा घोटाला: जब पेमेंट की गई तो मैं पुलिस कमिश्नर नहीं था- एस. जॉर्ज

चेन्नई के पूर्व पुलिस कमिश्नर ने कहा 'जिन तारीखों को पेमेंट की गई तब मैं कमिश्नर नहीं था. मैं अपने बाद बने कमिश्नर पर कोई आरोप नहीं लगा रहा हूं. मैं दोबारा सितंबर 2016 में कमिश्नर बना था.'

FP Staff

चेन्नई के करोड़ों रुपए के गुटखा घोटाला मामले में सीबीआई ने बुधवार को तमिल नाडु के स्वास्थ्य मंत्री सी विजय भास्कर, डीजीपी टीके राजेंद्रन व अन्य बड़े अधिकारियों के घर रेड मारी. अब इस मुद्दे पर चेन्नई के पूर्व पुलिस कमिश्नर ने भी अपनी सफाई पेश की है.

इस मामले पर अब चेन्नई के पूर्व पुलिस कमिश्नर ने भी अपना पक्ष रखा. उन्होंने कहा 'यह गुटखा घोटाला था. इसमें अवैध गतिविधि तो हुई थी. जयकुमार जो तब क्राइम ब्रांच के डिप्टी कमिश्नर थे उन्होंने मौका-ए-वारदात का दौरा किया था. उन्होंने इसकी मुझे कोई जानकारी नहीं दी थी और पुलिस को भटकाया था.'


आगे बोलते हुए उन्होंने कहा 'जिन तारीखों को पेमेंट की गई तब मैं कमिश्नर नहीं था. मैं अपने बाद बने कमिश्नर पर कोई आरोप नहीं लगा रहा हूं. मैं दोबारा सितंबर 2016 में कमिश्नर बना था.'

क्या है मामला

इस घोटाले का खुलासा आठ जुलाई, 2017 को उस समय हुआ था जब आयकर विभाग के अधिकारियों ने तमिलनाडु में पान मसाला और गुटखा उत्पादकों के गोदामों, कार्यालयों और आवासों पर छापे मारे थे. गुटखा उत्पादकों पर 250 करोड़ रुपये की आयकर चोरी के आरोप हैं. तमिलनाडु सरकार ने 2013 में गुटखा और पान मसाला समेत चबाने वाले तंबाकू के विभिन्न प्रकारों के उत्पादन, भंडारण और बिक्री पर रोक लगा दी थी.

छापेमारी के दौरान विभाग ने एक डायरी जब्त की थी जिसमें उन लोगों के नाम लिखे हुए थे जिन्हें गुटखा उत्पादकों ने कथित तौर पर रिश्वत दी थी. द्रमुक के एक नेता की याचिका पर इस साल अप्रैल में मद्रास उच्च न्यायालय ने सीबीआई को यह मामला सौंप दिया था. एजेंसी ने मई में तमिलनाडु सरकार, केंद्रीय उत्पाद शुल्क विभाग और खाद्य सुरक्षा विभाग के अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था.