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गुरमीत राम रहीम को 7 साल से कम की सजा का सवाल ही नहीं!

सीबीआई के पूर्व पब्लिक प्रोसिक्यूटर एमपी सिंह ने कहा कि रेप केस में एक बार दोषी करार दिए जाने के बाद कम से कम सात साल की सजा तय है

Ravishankar Singh

सीबीआई की विशेष अदालत सोमवार डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत सिंह राम रहीम को साध्वी यौन शोषण के मामले में सजा सुनाने जा रही है. हरियाणा के इतिहास में यह पहली बार होगा कि जब किसी जेल परिसर में अदालत लगा कर सजा सुनाई जाएगी.

गुरमीत राम रहीम पर जो आरोप लगे हैं उसमें कम से कम सात साल की सजा होनी तय मानी जा रही है. कानून के जानकारों का कहना है कि राम रहीम को सात साल से कम की सजा का कोई सवाल ही नहीं है.


सात साल या सात साल से अधिक की सजा होने पर राम रहीम को जमानत के लिए हाईकोर्ट में आवेदन करना पड़ेगी. क्योंकि, सीबीआई की विशेष अदालत के निर्णय के बाद सेशन कोर्ट में सुनवाई नहीं होती है. इसलिए राम रहीम के पास हाईकोर्ट जाने के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं है. वो भी 60 दिन के अंदर.

सीबीआई के पूर्व पब्लिक प्रोसिक्यूटर एमपी सिंह ने फर्स्टपोस्ट हिंदी से बात करते हुए कहा, ‘रेप केस में एक बार दोषी करार दिए जाने के बाद कम से कम सात साल की सजा तय है. सात साल से कम की सजा किसी भी कीमत पर नहीं हो सकती है, जबकि इसमें अधिकतम सजा की सीमा 10 साल, 15 साल से लेकर आजीवन कारावास तक हो सकती है.

एमपी सिंह आगे कहते हैं, गुरमीत राम रहीम पर आईपीसी की धारा 376 और 506 धाराओं के तहत मामला दर्ज हुआ है. इस मामले में दर्ज केस में कम से कम सात साल की सजा हो सकती है. हालांकि, धारा 506 पीड़ित को धमकाने के लिए अधिकतम दो साल की सजा का प्रावधान है. बाबा राम रहीम को जेल जाने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है. हाईकोर्ट में दो महीने के अदंर बाबा राम रहीम अपील कर सकते हैं.

पिछले शुक्रवार को पंचकूला की विशेष सीबीआई अदालत ने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को साध्वी यौन शोषण केस में दोषी करार दिया था.

सीबीआई अदालत का फैसला आते ही फौरन बाबा राम रहीम को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था. जिसके बाद हरियाणा और पंजाब में काफी हिंसक प्रदर्शन हुए थे.

दलअसल ये पूरा मामला साल 2002 में एक गुमनाम खत के सामने आने के बाद तूल पकड़ा था. 2002 में डेरा सच्चा सौदा की एक साध्वी ने एक गुमनाम खत उस समय के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को लिखा था. पत्र में साध्वी ने बाबा राम रहीम पर यौन शोषण का आरोप लगाया था.

प्रधानमंत्री के नाम लिखे इस पत्र में साध्वी ने ये भी लिखा था कि गुरमीत राम रहीम ने सिरसा में बने डेरा के अंदर कई और महिला साध्वियों के साथ भी यौन शोषण किया जा रहा है.

इसके बाद से साल 2002 में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने साध्वी की तरफ से यौन शोषण के पत्र पर संज्ञान लिया था. पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने सीबीआई को डेरा प्रमुख राम रहीम के खिलाफ केस दर्ज करने को कहा था.

पिछले 15 साल से सीबीआई इस मामले की जांच कर रही है. सीबीआई ने इस मामले में 18 साध्वियों से पूछताछ की, जिनमें से दो ने बाबा राम रहीम के खिलाफ रेप का आरोप लगाया. सीबीआई ने 30 जुलाई 2007 को इस मामले की चार्जशीट दाखिल की थी.