view all

गुलबर्ग सोसाइटी हत्याकांड केस: गुजरात हाई कोर्ट ने सजायाफ्ता विहिप नेता को दी जमानत

इस हत्याकांड में कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी भी मारे गए थे

FP Staff

गुजरात हाई कोर्ट ने मंगलवार गुलबर्ग सोसाइटी केस में 7 साल की सजा काट रहे विश्व हिंदू परिषद् के नेता अतुल वैद्य को जमानत दे दी है. अतुल वैद्य को 2002 के गोधरा दंगे के बाद भड़के गुजरात दंगों के दौरान गुलबर्ग सोसाइटी में हुए हत्याकांड में विशेष अदालत ने दोषी करार देते हुए सजा सुनाई थी. यह पहला मौका है जब गुजरात दंगे में दोषी पाए गए किसी व्यक्ति को जमानत दी गई है.

इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक जस्टिस अभिलाषा कुमारी की डिवीजन बेंच ने वैद्य को जमानत देने का फैसला सुनाया. गुजरात हाई कोर्ट में पहले से ही वैद्य ने विशेष अदालत के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका दायर कर रखी है. इस याचिका पर अभी सुनवाई होनी बाकी है. वैद्य अपनी सजा का एक साल जेल में काट चुके हैं. अदालत ने वैद्य को जमानत देते हुए यह कहा कि उन्हें उनके खिलाफ पाए गए सबूतों के आधार पर जमानत दी जा रही है.


विशेष अदालत ने दी थी सजा 

वैद्य सहित 23 लोगों को पिछले साल जून में दिए गए अपने फैसले में विशेष अदालत ने मुस्लिम बहुल गुलबर्ग सोसाइटी में 69 लोगों की हत्या का दोषी करार दिया था. इस हत्याकांड में कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी भी मारे गए थे. एहसान जाफरी की पत्नी ने गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई लोगों पर इस दंगें को भड़काने का आरोप लगाया था.

सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित एसआईटी की टीम ने मोदी और अन्य आरोपियों को इस मामले में क्लीन चिट दे दिया था.

गुलबर्ग सोसाइटी मामले पर फैसला आने के तुरंत बाद एसआईटी ने गुजरात सरकार से कुछ आरोपियों को बरी करने के फैसले के खिलाफ और कई आरोपियों के सजा बढ़ाने की मांग को लेकर अपील करने की इजाजत मांगी थी.

हालांकि कई बार इस मामले में एसआईटी द्वारा याद दिलाने के बावजूद गुजरात सरकार ने इस पर अपनी रजामंदी नहीं दी है. एसआईटी के अफसरों का यह कहना है कि बिना राज्य सरकार की इजाजत के वे अपील नहीं करेंगे. दूसरी तरफ इस मामले में दोषी पाए गए लोगों ने भी भी विशेष अदालत के फैसले को हाई कोर्ट में पहले से ही चुनौती दे रखी है.