view all

गुजरात चुनाव बीजेपी के लिए चुनाव नहीं, एक चुनौती है: शत्रुघ्न सिन्हा

पटना साहिब के सांसद ने कहा कि बीजेपी एकजुट रहकर अपनी सीटें बढ़ा सकती है और उसे चुनाव को हल्के में नहीं लेना चाहिए.

Bhasha

बीजेपी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने बुधवार को कहा कि लोगों में जीएसटी और नोटबंदी को लेकर गुस्सा है और ये बात साफ है कि गुजरात विधानसभा चुनाव बीजेपी के लिए महज चुनाव नहीं बल्कि एक चुनौती है.

आर्थिक मुद्दों पर अपनी टिप्पणियों का किया बचाव 


कांग्रेस नेता मनीष तिवारी की एक किताब पर आयोजित पैनल चर्चा में सिन्हा ने तिवारी के साथ मंच साझा करते हुए आर्थिक मुद्दों पर अपनी टिप्पणियों का बचाव किया और कहा कि 'अगर एक वकील वित्तीय मामलों की बात कर सकता है, अगर एक टीवी अभिनेत्री, मानव संसाधन विकास मंत्री बन सकती हैं और एक चायवाला बन सकता है तो मैं अर्थव्यवस्था की बात क्यों नहीं कर सकता?'

बीजेपी नेता ने हालांकि किसी का नाम नहीं लिया, उनका इशारा साफ तौर पर वित्त मंत्री अरुण जेटली, पूर्व में एचआरडी मंत्री रहीं मौजूदा सूचना और प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ था. सिन्हा ने ये भी कहा कि वो अपनी पार्टी को चुनौती नहीं दे रहे बल्कि बीजेपी के और राष्ट्रीय हित में उसे आईना दिखा रहे हैं.

बीजेपी एकजुट रहकर अपनी सीटें बढ़ा सकती है

उन्होंने कहा, 'जीएसटी, नोटबंदी, बेरोजगारी को लेकर लोगों के गुस्से को देखते हुए मैं ये नहीं कहना चाहता कि बीजेपी को कितनी सीटें मिलेंगी, लेकिन निश्चित तौर पर ये चुनाव एक विशेष चुनौती होने जा रहे हैं.' हालांकि, पटना साहिब के सांसद ने कहा कि बीजेपी एकजुट रहकर अपनी सीटें बढ़ा सकती है और उसे चुनाव को हल्के में नहीं लेना चाहिए.

 चुनाव नहीं बल्कि चुनौती है

सिन्हा ने कहा, 'मैं बस इतना कहूंगा कि मामला गंभीर है और ये चुनाव नहीं बल्कि चुनौती हैं.' ये पूछे जाने पर कि क्या वो किसी दूसरे राजनीतिक दल में शामिल हो सकते हैं, सिन्हा ने अपने जाने पहचाने संवाद के साथ जवाब दिया, 'खामोश.' सिन्हा मोदी सरकार की नीतियों और जीएसटी और नोटबंदी सहित कई मुद्दों से जुड़े उसके फैसलों के मुखर आलोचक रहे हैं.

शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि सरकार को देश चलाने में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जैसे विपक्ष के 'विशेषज्ञ और ज्ञानी लोगों' और दूसरे लोगों से सुझाव मांगने चाहिए. सांसद ने वित्त मंत्री अरुण जेटली के वरिष्ठ बीजेपी नेता यशवंत सिन्हा पर '80 साल की उम्र में नौकरी के आवेदक' संबंधी तंज कसने को लेकर वित्त मंत्री की भी आलोचना की.

नोटबंदी और जीएसटी पर विपक्ष की भाषा क्यों बोल रहे हैं?

उन्होंने कहा, 'वो खुद अपनी नौकरी से हाथ धो सकते हैं, लेकिन दूसरों के लिए नौकरी सुझा रहे हैं.' सिन्हा ने दावा किया कि एक दिन उन्हें 'एक बहुत बड़े' नेता ने फोन किया और पूछा कि वो नोटबंदी एवं जीएसटी पर विपक्ष की भाषा क्यों बोल रहे हैं.

इससे पहले सिन्हा ने अपने संबोधन के दौरान बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण अडवाणी को 'राजनीतिक क्षेत्र में उम्मीद की एक किरण' बताते हुए दुख जताया कि पूर्व उप-प्रधानमंत्री को कोई पद नहीं दिया गया और उनकी भूमिका सीमित कर दी गयी.

8 नवंबर को 'काला दिवस' मनाने की घोषणा

सांसद ने किसी का नाम लिए बिना कहा, 'उन्हें राष्ट्रपति बनाना तो दूर मंत्री तक नहीं बनाया गया. कइयों का करियर बनाने और बचाने के बावजूद आज वो खुद को इस स्थिति में पा रहे हैं.' विपक्ष के 8 नवंबर को 'काला दिवस' और सत्तारूढ़ बीजेपी के 'काला धन विरोधी दिवस' मनाने की घोषणा को देखते हुए सिन्हा ने पूछा कि काला धन कहां गया.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल इसी दिन नोटबंदी की घोषणा की थी. सिन्हा ने कहा, 'मैं उस दिन अडवाणी जी का जन्मदिन मनाऊंगा और उनसे आशीर्वाद मांगूंगा एवं मार्गदर्शन करने को कहूंगा.' उन्होंने कहा कि मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस में कई प्रतिभाएं हैं और वो कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, उपाध्यक्ष राहुल गांधी और एनसीपी प्रमुख शरद पवार एवं कुछ दूसरे विपक्षी नेताओं का सम्मान करते हैं.