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गुजरात: आखिर कुत्तों की वजह से क्यों जा रही है शेरों की जान?

अमरेली जिले के गिर में डालखानिया रेंज से सभी 10 एशियाई शेरों को शिफ्ट कर दिया गया है

FP Staff

गुजरात वन विभाग ने सोमवार को जसाधर ऐनिमल केयर सेंटर में 11 शेरों की मौत की पुष्टि की है. शेरों की मौत चर्चा का विषय बनी हुई है क्योंकि 12 सितंबर से अब तक 21 शेरों की मौत हो चुकी है. दलखानिया में 12 सितंबर से 19 सितंबर तक 11 शेरों की मौत हुई थी जिनमें शावक भी थे.

गुजरात के अमरेली जिले के गिर में डालखानिया रेंज से सभी 10 एशियाई शेरों को शिफ्ट कर दिया गया है. वहीं शेरों की मौत की वजह एक वायरस बताया गया है. जिन 4 शेरों की 12 से 16 सितंबर के बीच मौत हुई थी, वह कैनाइन डिस्टेंपर वायरस (सीडीवी) का शिकार थे. यह वायरस कुत्तों के जरिए जंगली जानवरों तक पहुंचता है.


इस वायरस की वजह से तंजानिया के सेरेंगेटी रिजर्व में 1000 शेरों की मौत हो गई थी. यह वाकया 1994 में हुआ था जिसने पूरी दुनिया में हड़कंप मचा दिया था. टीओआई के मुताबिक, वन एवं पर्यावरण मंत्री गणपत वासावा ने बताया, 'रिपोर्ट में चार शेरों में सीडीवी वायरस की पुष्टि हुई है. हम अंतिम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं.'

वन विभाग ने यह भी बताया कि कुल 21 शेरों में 6 की मौत प्रोटोजोआ इंफेक्शन की वजह से हुई वहीं 4 की मौत किसी और वायरस से हुई. प्रोटोजोआ इंफेक्शन की वजह कुत्तों के शरीर में पाए जाने वाले कीड़े होते हैं जो जंगली जानवरों में फैल जाते हैं.