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जीएसटी लागू: प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति के भाषण की अहम बातें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जीएसटी को गरीबों के लिए फायदेमंद बताया

FP Staff

नरेंद्र मोदी

ये जो दिशा हम सबने निर्धारित किया है. जिस व्यवस्था को हमने विकसित किया है. ये किसी एक दल की सिद्धी नहीं है.ये किसी एक सरकार की सिद्धी नहीं है. ये हम सबकी सांझी सिद्धी है.


आज सेंट्रल हॉल को हम 9 दिसंबर 1946 संविधान सभा की पहली बैठक का यह सभाग्रह साक्षी है. हम उस स्थान पर बैठे हैं. पंडित नेहरू, बाबा साहेब अंबेडकर जैसे महापुरुष यहां बैठे हुए थे. जहां कभी 14 अगस्त 1947 को देश की आजादी की पवित्र घटना का भी साक्षी है. 26 नवंबर 1949 देश ने संविधान को स्वीकार किया. यही जगह उस महान घटना का भी साक्षी है.

कुछ देर बाद. देश एक व्यवस्था की ओर चल पड़ेगा. सवा सौ करोड़ देशवासी इस ऐतिहासिक घटना के साक्षी हैं. जीएसटी की ये प्रक्रिया सिर्फ अर्थव्यवस्था के दायरे तक सीमित है. मै ऐसा नहीं मानता. पिछले कई वर्षों में अलग अलग महानुभावों के द्वारा जो प्रक्रिया चली है. वो भारत के संघीय ढांचे की एक बहुत बड़ी मिसाल के रूप में ये अवसर हमारा आया है.

कुछ देर बाद देश एक नई व्यवस्था की ओर चल पड़ेगा. सवा सौ देशवासी इस ऐतिहासिक घटना के साक्षी हैं. जीएसटी सिर्फ अर्थव्यवस्था तक सीमित नहीं है. ये कोऑपरेटिव फेडरिजम की बड़ी मिसाल है.

राष्ट्र के निर्माण में कुछ ऐसे पल आते हैं जिस पल पर हम किसी नए मोड़ पर जाते हैं. नए मुकाम पर पहुंचने का प्रयास करते हैं. आज मध्यरात्रि के समय देश का आगे मार्ग सुनिश्चित करने जा रहे हैं.

अरुण जेटली

राष्ट्रपति जी जो इसकी यात्रा थी आप इसके गवाह है. 15 साल पहले हुई थी. विजय केलकर ने 2003 में ऐतिहासिक रिपोर्ट दी थी. एनडीए 1 सरकार में इसकी शुरुआत हुई थी. यूपीए ने इसको लागू करने की घोषणा की थी.

यह देश के लिए ऐतिहासिक पल है. कल से देश भर में एक देश एक कानून होगा. सभी राजनीतिक पार्टियों ने अपने मतभेद अलग रखकर जीएसटी को सपोर्ट किया है.

देश में 29 राज्य और केंद्रशासित प्रदेश में अलग-अलग तरह का टैक्स लगाया जाता था. जीएसटी ने साबित कर दिया है कि सभी अड़चनों को दूर करके एक देश एक टैक्स लागू किया जा सकता है.

जीएसटी काउंसिल को लेकर सबमें एक सहमति बनी. इसमें बहुत बड़ा योगदान उस कमेटी का था. समय समय पर हर सरकार ने परंपरा बनाई. जीएसटी काउंसिल के पहले अध्यक्ष श्री असीम दास गुप्ता हमारे बीच में है. मुझे पहली शिक्षा जीएसटी पर उनसे ही मिली

प्रणब मुखर्जी

जीएसटी मॉडर्न टेक्नोलॉजी के जरिए गवर्न किया जाएगा. ये इसलिए किया गया क्योंकि इस पुरानी व्यवस्था को हटाने के साथ ही हमें एक नई और मजबूत व्यवस्था लेकर आनी थी.

जीएसटी को लागू करने के लिए नेताओं के साथ साथ अधिकारियों ने भी बहुत मेहनत की है. जब ये बिल पास किया गया था तब मुझे ये मौका मिला कि संविधान का 101वां बदलाव किया जाए.

ये केंद्र और राज्य का ज्वाइंट फोरम है. यह याद रखने योग्य है कि 18 मीटिंग के दौरान सभी निर्णय सर्वसम्मति के साथ लिए गए. टैक्स के लिए एक नए युग की शुरुआत होने वाली है. जीएसटी को बनाने के पार्टीगत विरोधों को दरकिनार किया गया. ये बेहद खुशी की बात है.

ये 14 सालों लंबी यात्रा. स्टेट फाइनेंस मिनिस्टरों की टीम को इसके लिए लगाया गया था. ये मेरे लिए पर्सनली सटिस्फैक्शन का समय है. क्योंकि वित्त मंत्री रहते हुए मैंने भी इसमें काफी कुछ लगाया है. उस दौरान कई राज्यों के वित्त मंत्री मिला.