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जीएसटी से सुधरेगी राज्यों की माली हालत: आरबीआई

जीएसटी का मध्यम अवधि में वृद्धि, मुद्रास्फीति, सरकार के वित्त और बाह्य प्रतिस्पर्धा के संदर्भ में अर्थव्यवस्था पर व्यापक प्रभाव होगा

Bhasha

रिजर्व बैंक ने शुक्रवार कहा कि जीएसटी के लागू होने से अर्थव्यवस्था पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा और यह राज्य सरकारों के लिए बिना उत्पादक व्यय में कटौती के अपनी वित्तीय स्थिति में सुधार का सबसे अच्छा मौका है.

केंद्रीय बैंक ने कहा कि कमोडिटी और सर्विस टैक्स व्यवस्था से देश में सहयोगपूर्ण संघवाद के लिए नई राह निकल सकती है केंद्र और राज्यों के बीच सहयोग पर बल हो सकता है.


रिजर्व बैंक ने ‘स्टेट फाइनेंसेस ए स्टडी ऑफ बजट ऑफ 2016-17’ में कहा है, ‘जीएसटी का मध्यम अवधि में वृद्धि, मुद्रास्फीति, सरकार के वित्त और बाह्य प्रतिस्पर्धा के संदर्भ में अर्थव्यवस्था पर व्यापक प्रभाव होगा.’

चुनौतियों का जिक्र करते हुए इसमें कहा गया है कि जीएसटी क्रियान्वयन के रास्ते में आने वाली बाधाओं को मजबूत विवाद समाधान व्यवस्था के जरिए दूर किया जाना चाहिए और उम्मीद है कि वस्तु और सेवा कर नेटवर्क जरएसटीएन सभी संबद्ध पक्षों के लिए जरूरी सूचना प्रौद्योगिकी आईटी बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराएगा.

जीएसटीएन देश के सबसे बड़े कर सुधार का आईटी आधार है. जीएसटी को एक जुलाई से क्रियान्वित किया जाना है. इसमें कहा गया है, ‘जीएसटी राज्याें के लिए उत्पादक खचरें में कटौती किए बिना राजकोषीय मजबूती की ओर लौटने का सबसे बेहतर मौका है.’

रिजर्व बैंक के अनुसार सांविधिक अंतरण के जरिए अधिक संसाधनों के बंटवारे से राज्यों को अपने विकास लक्ष्यों के हिसाब से व्यय की प्राथमिकता तय करने में लचीलापन प्रदान करेगा.