अंतराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने फिर कहा है कि भारत आर्थिक सुधार के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है. इससे बिजनेस इनवेस्टमेंट में तेजी आ सकती है. जीएसटी लागू होने से देश के मीडियम टर्म ग्रोथ को सपोर्ट मिलेगा.
आईएमएफ ने अपने एशिया पैसेफिक रीजनल इकनॉमिक अपडेट में इसका जिक्र किया है. इस अपडेट के मुताबिक, '2016 में इंडिया में काफी रिफॉर्म्स हुए हैं. जीएसटी से इसमें और तेजी आएगी.'
रिपोर्ट के मुताबिक, जॉब्स और ग्रोथ के लिए अभी भी फ्लेक्सिबल लेबर मार्केट और प्रॉडक्ट मार्केट कॉम्पिटिशन जरूरी है. कुछ और चीजों पर भी फोकस जरूरी है. इनमें से एक नए कॉरपोरेट डेट रिस्ट्रक्चरिंग मैकेनिज्म को बेहतर ढंग से लागू करना है.
आईएमएफ ने कहा, 'इंडिया में रिफॉर्म्स से बिजनेस इनवेस्टमेंट और घरेलू डिमांड बढ़ेगी. मीडियम टर्म में एशियाई देशों को उनकी आबादी से फायदा होगा. इंडिया और इंडोनेशिया जैसे देशों में काम करने वाले ज्यादा हैं. यह आबादी टिकाऊ ग्रोथ के लिए जरूरी है.
इस रिपोर्ट में आईएमएफ ने 2016.17 में इंडिया की जीडीपी ग्रोथ 7.6 पर्सेंट रहने का अनुमान जताया है. उपभोग से रिकवरी की ग्रोथ को सपोर्ट मिलेगा.
आईएमएफ ने कहा, 'खेती के लिहाज से मॉनसून इस साल ठीक रहा है. साथ ही सरकारी कर्मचारियों की सैलरी बढ़ी है. इससे घरेलू डिमांड में तेजी आई है.'
रिपोर्ट में कहा है, 'मीडियम टर्म ग्रोथ का अनुमान भी बढ़ा दिया गया है.' ट्रेड, पॉजिटिव पॉलिसी और सप्लाई से दबाव घटने और भरोसा बढ़ने से इंडिया की ग्रोथ का फायदा होगा.
कंजम्पशन ग्रोथ मजबूत है और कोर इंडस्ट्रियल सेक्टर्स में एक्टिविटी में तेजी आई है. सरकारी कंजम्पशन से भी 2016 में ग्रोथ को सपोर्ट मिलेगा.
इस रिपोर्ट के मुताबिक चीन में जीडीपी ग्रोथ नीयर टर्म में मजबूत बने रहने का अनुमान है. इसमें इंफ्रास्ट्रक्चर खर्च बढ़ाने में इसमें मदद मिलेगी. कुल मिलाकर 2016 में ग्रोथ 6.6 पर्सेंट और 2017 में 6.2 पर्सेंट रहने का अनुमान है.