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जानिए देश के सबसे भारी रॉकेट GSLV MK 3 से जुड़ी 10 अहम बातें

भारत के सबसे भारी रॉकेट जीएसएलवी एमके थ्री के लॉन्च की उल्टी गिनती शुरू हो गई है.

FP Staff

भारत के सबसे भारी रॉकेट जीएसएलवी एमके थ्री के लॉन्च की उल्टी गिनती शुरू हो गई है. इस रॉकेट को श्रीहरिकोटा के अंतरिक्ष केन्द्र से लॉन्च किया जाएगा और ये अपने साथ संचार उपग्रह जीसैट-19 को लेकर जाएगा.

जीएसएलवी एमके रॉकेट को सोमवार शाम 5 बजकर 28 मिनट पर तकरीबन 120 किलोमीटर दूर सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे लॉन्च पैड से उड़ान भरनी है. आइए जानते हैं देश के इस सबसे भारी रॉकेट से जुड़ी 10 खास बातें...


- 640 टन वजनी यह रॉकेट इसरो द्वारा निर्मित अब तक का सबसे वजनी रॉकेट है.

- इस रॉकेट की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसके मुख्य और सबसे बड़े क्रायोजेनिक इंजन को इसरो के वैज्ञानिकों ने भारत में ही विकसित किया है.

- रॉकेट के साथ छोड़ा जाने वाला संचार उपग्रह जीसैट-19 लगभग 3.2 टन वजनी है.

- यह किसी घरेलू स्तर पर निर्मित रॉकेट से छोड़ा जाने वाला अब तक का सबसे वजनी उपग्रह होगा.

- इसरो के अनुसार, जीसैट-19 मल्टी वेव उपग्रह है, जो का और कू बैंड वाले ट्रांसपोंडर्स अपने साथ लेकर जाएगा.

- इस उपग्रह की उम्र 15 वर्ष होगी.

- यह अंतरिक्ष आधारित प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर के हाई स्पीड इंटरनेट सेवाएं मुहैया कराने में सक्षम है.

- इस रॉकेट को बनाने में 160 करोड़ रुपए से ज्यादा की लागत आई है. जोकि दुनिया की बाकी स्पेस एजेंसियों के मुकाबले केवल आधा ही खर्चा है.

- जीसैट-19 को पहली बार भारत में बनी लीथियम आयन बैटरियों से संचालित किया जा रहा है.

- जीएसएलवी एमके-3 भविष्य के भारत का रॉकेट है.