भारतीय अर्थव्यवस्था की ग्रोथ 2017 में 7.1 फीसदी ही रहेगी जबकि, 2018 के दौरान इसमें अच्छी तेजी आ सकती है. जापानी ब्रोकरेज फर्म नोमुरा ने यह बताया है. नोमुरा के मुताबिक भारतीय इकनॉमिक ग्रोथ 2018 में बढ़कर 7.7 फीसदी हो जाएगी.
नोटबंदी का शॉर्ट टर्म ग्रोथ पर होगा असर
नोमुरा का कहना है कि सरकार ने रिफॉर्म्स से जुड़े जो कदम उठाए हैं, उससे शॉर्ट टर्म में ग्रोथ प्रभावित होगी.
वैसे इन कदमों का असर 2018 में नजर आएगा. तब देश की इकनॉमिक ग्रोथ बढ़कर 7.7 फीसदी हो जाएगी.
नोमुरा ने एक रिसर्च नोट में कहा है, 'हम उम्मीद करते हैं 2017 में इकनॉमिक ग्रोथ 7.1 फीसदी रहेगी, लेकिन 2018 में यह बढ़कर 7.7 फीसदी हो जाएगी.'
कुछ फैसलों से नियर टर्म में इकनॉमिक ग्रोथ प्रभावित हो सकती हैं. ऐसे फैसलों में नोटबंदी और जीएसटी को लागू करना शामिल है.
नोमुरा की एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर और इंडिया इकनॉमिस्ट सोनल वर्मा ने कहा, 'भारत के फंडामेंटल्स को लेकर हम सकारात्मक बने हुए हैं क्योंकि मैक्रो पॉलिसी मजबूत है.'
नकदी संकट से ग्रोथ पर चोट
नोटबंदी से शॉर्ट टर्म में कैश क्रंच होगा, जिससे ग्रोथ पर चोट पड़ेगी. इसके अलावा असंगठित क्षेत्र मुख्य रूप से कृषि, ट्रेड, रियल एस्टेट, रेंटिंग एवं बिजनेस सर्विसेज, होटल्स एवं रेस्टोरेंट्स, कंस्ट्रक्शंस और ट्रांसपोर्ट एवं स्टोरेज काफी हद तक कैश पर निर्भर करते हैं. जीडीपी में इनकी हिस्सेदारी करीब 55 फीसदी होती है.
नोमुरा की रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक, जीएसटी लागू होने तक डिमांड पर इसका नकारात्मक असर होगा.
रिपोर्ट के मुताबिक जीडीपी ग्रोथ फिस्कल ईयर 2017 की तीसरी तिमाही में 7.3 फीसदी रहा जो चौथी तिमाही में घटकर 6.0 फीसदी रह सकता है. 2017 की पहली तिमाही में भी ग्रोथ 6.9 फीसदी रहने की उम्मीद है.