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जल ग्रिड, हाईवे-सह-हवाई पट्टियों पर सरकार का ध्यान: नितिन गडकरी

इसके अलावा पांच नदियों को जोड़ने वाली परियोजना में से तीन को जोड़ने का काम अगले तीन महीनों में शुरू होगा

Bhasha

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि ई-ऑटोरिक्शा का ग्रामीण भारत में परिचालन बढ़ाना, पॉवर ग्रिड की तरह जल ग्रिड सृजित करना और 17 राजमार्ग-सह-हवाई पट्टियां का निर्माण करना सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है और इस साल इन पर काम शुरू हो जाएगा.

पिछले हफ्ते मंत्रिमंडल में फेरबदल के बाद गडकरी को जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया था. कार्यभार ग्रहण करने के बाद गडकरी ने पीटीआई को दिए इंटरव्यू में कहा कि एक और 'विशाल कार्य' जो उनके कंधों पर है वो गंगा को 'अविरल और निर्मल' बनाना है.


केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'सार्वजनिक परिवहन को इलेक्ट्रिक मोड पर लाना आज की जरूरत है और हम इसके लिए नीति लाएंगे. इसके अलावा ग्रामीण परिवहन के लिए लिथियम आयन बैटरी चलित ऑटोरिक्शा और अन्य वाहन पर जोर दिया.

उन्होंने कहा कि इनकी कीमतों में 40 प्रतिशत की कमी आई है और अधिक मात्रा में निर्माण किए जाने से इनकी कीमतों में और कमी आएगी. पिछले हफ्ते दिल्ली मेट्रो रेल कोर्पोरेशन (डीएमआरसी) ने यात्रियों के लिए ई-रिक्शों की शुरुआत की थी. इस तरह के प्रयास अन्य राज्य भी करेंगे.

उन्होंने कहा, 'भारत में कोयले और बिजली का इस्तेमाल अधिक मात्रा होता है, जबकि इसकी तुलना में इलेक्ट्रिक मोड सस्ता है. इससे परिवहन शुल्क में गिरावट आएगी और लोगों को स्थायी परिवहन मिलेगा. हम इस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं और 2018 से पहले इसे शुरू किया जाएगा.

गडकरी ने पावर ग्रिड की तर्ज पर ‘रीवर ग्रिड’ बनाने की भी बात कही. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, झारखंड, गुजरात, मध्य प्रदेश और राजस्थान पानी के संकट से जूझ रहा है. कई गांवों में पीने का पानी तक मौजूद नहीं है. जबकि दूसरी ओर उत्तर प्रदेश और बिहार भीषण बाढ़ की चपेट में है. क्यों न पावर ग्रिड के साथ जल ग्रिड बनाया जाए और ज्यादा पानी को सूखाग्रस्त क्षेत्रों की ओर भेजा जाए.

गडकरी ने कहा कि वह इस मुद्दे पर गंभीर है और जल्द ही इस दिशा में काम शुरू किया जाएगा. इसके अलावा पांच नदियों को जोड़ने वाली परियोजना में से तीन को जोड़ने का काम अगले तीन महीनों में शुरू होगा.

मंत्री ने कहा कि उनके कंधों पर गंगा को 'अविरल और निर्मल' बनाने के "विशाल कार्य" के अलावा किसानों के लिए सिंचाई क्षमता को बढ़ाने का काम भी है.