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ब्लैकमनी की धरपकड़ के लिए कागजी कंपनियों पर सरकार की सख्ती

ब्लैकमनी पर रोक के लिए प्रधानमंत्री कार्यलय में विभिन्न विभागों के ​​वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक हुई

FP Staff

सरकार ब्लैकमनी को लेकर लगातार सख्ती बरत रही है. कागजी कंपनियों के जरिए ब्लैकमनी इधर से उधर करने वालों की धर-पकड़ के लिए प्रधानमंत्री कार्यलय में विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक हुई.

इस बैठक का मकसद ब्लैकमनी और हवाला का खेल करने वाली कंपनियों पर लगाम कसने की है. ब्लैकमनी का सफाया करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर 2017 को 500 और 1000 रुपए के नोटों को बंद कर दिया था.


इंडिया में करीब 15 लाख कंपनियां रजिस्टर हैं और इनमें से सिर्फ 6 लाख कंपनियां ही अपना सालाना रिटर्न फाइल करती हैं. इस आंकड़े के मायने ये हैं कि ये कागजी कंपनियां हैं. शुरुआती जांच के मुताबिक ये कंपनियां न्यूनतम पेड-अप कैपिटल के साथ काम करती है. इनका डिविडेंड इनकम जीरो होता है. साथ ही टर्नओवर और आॅपरेटिंग इनकम भी बहुत कम होती है.

ऐसी कुछ कंपनियों के एनालिसिस से पता चलता है कि नवंबर से दिसंबर के बीच इन कंपनियों के बीच 1238 करोड़ रुपए जमा हुए हैं.सीरियस फ्रॉड इनवेस्टिगेशन आॅफिस (एसएफआईओ) ने 49 कागजी कंपनियां चलाने और सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाने वाले आॅपरेटर्स पर चीटिंग का आपराधिक मामला दर्ज कराया है.

इस जांच में पता चला है कि 559 बेनिफिशियरी ने 54 प्रोफेशनल्स की मदद से 3900 करोड़ रुपए का ब्लैकमनी इधर से उधर किया है.