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रोजगार पर नया सर्वे कराएगी सरकार, जल्द होगी घोषणा

उन्होंने कहा कि भारत के पास 2011-12 के बाद रोजगार सृजन पर एक मजबूत सांख्यिकी आंकड़ा नहीं है.

FP Staff

एनएसएसओ की सर्वे की रिपोर्ट में सामने आया कि भारत में पिछले 45 सालों में सबसे ज्यादा बेरोजगारी बढ़ी है. जिसके बाद इस मुद्दे पर काफी हंगामा मचा हुआ है. हालांकि अब सरकार रोजगार पर नया राष्ट्रीय नमूना सर्वे कराएगी. प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (पीएमईएसी) के प्रमुख बिबेक देबरॉय ने इसकी जानकारी दी.

देबरॉय ने कहा कि इस नए सर्वे से पता चलेगा कि रोजगार सृजन उल्लेखनीय रूप से हुआ है. रोजगार के आंकड़ों पर बढ़ते विवाद के बीच देबरॉय ने कहा कि कारोबारी माहौल बनाने और रोजगार सृजन के लिए राज्यों की बड़ी जिम्मेदारी होती है. मीडिया में प्रकाशित राष्ट्रीय नमूना सर्वे कार्यालय (एनएसएसओ) की समय-समय पर श्रमबल सर्वे रिपोर्ट में कहा गया है कि 2017-18 में बेरोजगार की दर 45 साल के उच्चस्तर 6.1 प्रतिशत पर पहुंच गई है. हालांकि उसी दिन सरकार ने कहा कि उसने श्रमबल पर रिपोर्ट को अभी अंतिम रूप नहीं दिया है.


देबरॉय ने कहा, 'हम एनएसएस का नया दौर शुरू करेंगे, जिसकी जल्द घोषणा की जाएगी. मुझे भरोसा है कि उस सर्वे में यह दिखाई देगा कि रोजगार का सृजन उल्लेखनीय रूप से हुआ है.' रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण के फेसबुक पेज पर डाले संदेश में देबरॉय ने कहा कि नौकिरयां, रोजगार, कारोबारी वातावरण का एक बड़ा हिस्सा राज्यों के तहत आता है.

उन्होंने कहा कि भारत के पास 2011-12 के बाद रोजगार सृजन पर एक मजबूत सांख्यिकी आंकड़ा नहीं है. पीएमईएसी के चेयरमैन ने कहा कि भारतीय श्रमबल अब भी अनौपचारिक और असंगठित क्षेत्र में है. उपक्रम सर्वे भारत के रोजगार क्षेत्र में क्या हो रहा है उसकी सही समझ नहीं बनाता. देबरॉय ने कहा कि वास्तविक मुद्दा रोजगार की संख्या नहीं बल्कि रोजगार गुणवत्ता और वेतन की दर है.