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केवल 40 फीसदी इंजीनियरिंग ग्रैजुएट को मिलती है नौकरी : सरकार

सरकार का लक्ष्य अगले 5 साल में कम से कम 60 फीसदी इंजीनियरिंग छात्रों को रोजगार योग्य बनाना है

Bhasha

सरकार ने माना कि कॉलेज से पास आउट होने के बाद केवल 40 फीसदी इंजीनियरिंग ग्रैजुएट्स को ही रोजगार मिल पाता है.

मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने गुरुवार को राज्यसभा में पूरक सवालों के जवाब में यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि इस घुंधली तस्वीर को बेहतर करने के लिए एआईसीटीई ने 75 फीसदी छात्रों के लिए समर इंटर्नशिप और नया आदर्श सिलेबस शुरू करने का फैसला किया है.


उन्होंने कहा कि सरकार ने अगले पांच साल में कम से कम 60 फीसदी इंजीनियरिंग छात्रों को रोजगार योग्य बनाने का लक्ष्य बनाया है.

समर इंटर्नशिप के लिए नई योजना

प्रश्नकाल में पूरक सवाल पूछते हुए विभिन्न सदस्यों ने इंजीनियरिंग और टीचर्स ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट में शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर चिंता जताई है.

अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के एक ताजा अध्ययन के अनुसार केवल 40 फीसदी इंजीनियरिंग छात्र ही रोजगार के योग्य हैं.

जावड़ेकर ने कहा कि सरकार की योजना अगले पांच साल में इस आंकड़े को 40 से बढ़ाकर 60 फीसद करना है. उन्होंने कहा कि कम से कम 75 फीसदी छात्रों के लिए समर इंटर्नशिप के मकसद से एक योजना लागू की जा रही है ताकि छात्रों को मौजूदा उद्योग के लिए तैयार किया जा सके.

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पुराने पाठ्यक्रम की जगह एआईसीटीई ने अपनी वेबसाइट पर आदर्श सिलेबस डाल दिया है जिसे समय-समय पर अपडेट किया जाएगा.