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सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम के भेजे दो नाम को केंद्र ने फिर लौटाया

लौटाए गए नामों में से एक दिवंगत पूर्व सुप्रीम कोर्ट जस्टिस सगीर अहमद के बेटे मोहम्मद मंसूर भी हैं

Bhasha

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस पद के लिए जिन दो नामों की सिफारिश की थी, उन्हें केंद्र सरकार ने दूसरी बार भी लौटा दिया है. इनमें एक सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस के बेटे का नाम भी है.

इन दोनों वकीलों के नाम मोहम्मद मंसूर और बशारत अली खान हैं. मंसूर सुप्रीम कोर्ट के दिवंगत पूर्व जस्टिस सगीर अहमद के बेटे हैं. जस्टिस अहमद ने जम्मू-कश्मीर के विशेष संदर्भ में केंद्र-राज्य संबंधों पर तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की ओर से गठित कार्य समूह की अध्यक्षता की थी.


मोदी सरकार इससे पहले भी एक बार शिकायतों का हवाला देते हुए मंसूर और बशारत अली के नाम की सिफारिश करने वाली फाइल लौटा चुकी है. लेकिन कॉलेजियम ने उनके खिलाफ शिकायतों को गंभीर न मानते हुए अपनी सिफारिश दोहराई थी.

नए जज से नियुक्त कॉलेजियम करेगी फैसला

पिछले महीने सरकार ने मंसूर और खान के नाम की सिफारिश वाली फाइल लौटाते हुए उनके नाम पर फिर से विचार करने को कहा था. करीब ढाई साल तक फाइल लटकाए रखने के बाद सरकार ने पिछले महीने ही फाइल लौटाई थी. शुक्रवार को जस्टिस जे चेलमेश्वर के रिटायर होने के बाद पांच सदस्यीय कॉलेजियम का पुनर्गठन करना होगा. ऐसे में नए सदस्य से युक्त कॉलेजियम को इन दो नामों पर फिर से फैसला करना होगा.

इन नामों के साथ सरकार ने जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट के जस्टिस पद पर नियुक्ति के लिए वकील नजीर अहमद बेग के नाम की सिफारिश लौटाने का भी फैसला किया है. तीन अन्य नामों में वसीम सादिक नरगल, सिंधु शर्मा और जिला जज राशिद अली डार पर कानून मंत्रालय अभी विचार कर रहा है. हालांकि सरकार ने बेग का नाम लौटाने के संबंध में कोई कारण नहीं बताया है.