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बजट सत्र में राफेल डील पर CAG की रिपोर्ट पेश कर सकती है सरकार

कांग्रेस इस मुद्दे पर आरोप लगा रही है एनडीए की यह डील यूपीए से महंगी है. HAL की जगह रिलाइंस डिफेंस को मोदी सरकार के दबाव के बाद चुना गया है

FP Staff

केंद्र इस बजट सत्र में कैग की रिपोर्ट संसद में पेश कर सकती है. विभिन्न रक्षा सौदों में राफेल डील समेत केंद्र सरकार ने कैग के सवालों का पहले ही जवाब दे दिया है.

इंडिया टुडे  के मुताबिक, रक्षा मंत्रालय ने पहले कहा था कि उसने कैग को राफेल डील से संबंधित सभी फाइलों की जांच के लिए कैग को अनुमति दे दी है, और इस मुद्दे पर कैग की रिपोर्ट का इंतजार करना ही सबसे अच्छा होगा.


राफेल डील से संबंधित मुद्दों पर नियम 193 के तहत कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा 2 जनवरी को शुरू की गई चर्चा में भाग लेते हुए खड़गे ने सरकार पर सुप्रीम कोर्ट में कैग रिपोर्ट संबंधी झूठा हलफनामा देने का आरोप लगाया था और कहा था कि मोदी सरकार सुप्रीम कोर्ट के जिस फैसले की बात कर रही है, उसमें कहीं उसे क्लीनचिट नहीं दी गई है और इस बारे में कोर्ट ने अधिकार क्षेत्र नहीं होने की भी बात कही है.

कांग्रेस इस मुद्दे पर आरोप लगा रही है एनडीए की यह डील यूपीए से महंगी है. HAL की जगह रिलाइंस डिफेंस को मोदी सरकार के दबाव के बाद चुना गया है.

पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी के साथ-साथ वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने राफेल मुद्दे पर 14 दिसंबर को आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले की समीक्षा के लिए बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका (रिव्यू पेटिशन) दायर की थी. सुप्रीम कोर्ट ने अपने 14 दिसंबर के फैसले में फ्रांस से 36 राफेल विमानों की खरीदी प्रक्रिया में गड़बड़ी का आरोप लगाने वाली सभी जनहित याचिकाओं (PIL) को खारिज कर दिया था.