रेल यात्रियों के लिए सुरक्षा एक बड़ी समस्या है. सरकार इस साल बजट में सुरक्षा से जुड़े कुछ फैसले ले सकती है लेकिन इसका बोझ आपकी जेब पर पड़ सकता है.
मनी कंट्रोल डॉटकॉम की एक खबर के मुताबिक, रेल मंत्रालय 1.20 लाख करोड़ रुपए के 'राष्ट्रीय रेल सुरक्षा कोष' में फंड जुटाने के लिए रेल यात्रियों पर सेस लगा सकता है.
इस सेस के बाद एसी वन टीयर और टू टीयर में मामूली बढ़ोतरी होगी. जबकि एसी थ्री टीयर और सेकेंड क्लास के यात्रियों पर इसकी चोट सबसे ज्यादा पड़ेगी.
माना जा रहा है कि फिस्कल ईयर 2017-18 में रेल बजट के दौरान सेफ्टी सेस लगाने का फैसला किया जा सकता है.
पिछले महीने, रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने जेटली को पत्र लिखकर 'राष्ट्रीय रेल सुरक्षा कोष' की फंडिंग करने का निवेदन किया था. हालांकि, फाइनेंस मिनिस्टर अरुण जेटली ने इस निवेदन को खारिज कर दिया.
फाइनेंस मिनिस्ट्री सिर्फ 25 फीसदी फंडिंग पर राजी हुई है. मिनिस्ट्री ने रेलवे को कहा है कि बाकी तीन चौथाई फंडिंग स्पेशल कॉरप्स के जरिए किया जाए.
यानी रेल मंत्रालय स्पेसिफिक सेस मसलन हाइवे निर्माण के लिए डीजल बेचे जाने पर रोड सेस वसूल सकता है. इसके जरिए जुटाए गए फंड का इस्तेमाल 'राष्ट्रीय रेल सुरक्षा कोष'की फंडिंग के लिए किया जाएगा.
इस सेस का ऐलान यूनियन बजट में किया जा सकता है.