प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कैपिटल मार्केट से टैक्स कलेक्शन कम हो रहा है. उन्होंने ऐसी आशंका जताई कि कैपिटल मार्केट में अवैध कारोबार और फर्जीवाड़ा हो रहा है, जिससे टैक्स कम मिल रहा है.
मोदी के इस बयान से मार्केट ने यह अंदाजा लगाया है कि सरकार आने वाले बजट में लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स बढ़ाने की तैयारी में है.
फिलहाल अगर आप अपने पोर्टफोलियो में कोई शेयर एक साल से ज्यादा लंबे समय तक रखते हैं तो आपको कैपिटल गेन टैक्स नहीं चुकाना पड़ता है.
मसलन, अगर कोई ट्रेडर एक साल से कम समय में अपने शेयर बेचते हैं तो शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन के तौर पर 15 फीसदी टैक्स चुकाना पड़ता है.
मोदी ने कहा, 'फाइनेंशियल मार्केट से जो लोग प्रॉफिट बना रहे हैं उन्हें टैक्स के जरिए राष्ट्र के निर्माण में सहयोग देना चाहिए.'
मोदी नेशनल इंस्टीट्यूट आॅफ सिक्योरिटीज मार्केट्स (एनआईएसएम) कैंपस के उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे.
इस मौके पर फाइनेंस मिनिस्टर अरुण जेटली, महाराष्ट्र के गवर्नर विद्यासागर राव, चीफ मिनिस्टर देवेन्द्र फड़नवीस, सेबी के चेयरमैन यू के सिन्हा सहित कॉरपोरेट और बैंकिंग जगत के कई दिग्गज शामिल थे.
फिस्कल ईयर 2017-18 के बजट से ठीक एक महीना पहले सरकार के इस बयान से यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि सरकार लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स बढ़ाने की तैयारी में है.
इस दौरान प्रधानमंत्री ने नोटबंदी का बचाव भी किया. उन्होंने कहा, 'नोटबंदी लॉन्ग टर्म फायदे के लिए उठाया गया शॉर्ट टर्म दर्द है. अगर कोई फैसला देश के हित में है तो हम कठिन से कठिन फैसला लेने नहीं हिचकेंगे.'
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि कमोडिटी और वायदा बाजार आगे भी महंगा बना रहेगा क्योंकि समाज का एक बड़ा तबका खासतौर पर किसान इससे दूर हैं.
उन्होंने कहा कि इस कदम का असली असर गांवों पर नजर आएगा न कि दलाल स्ट्रीट और लुटियंस पर.