गांवों में रहने वाली देश की 35 फीसदी आबादी पढ़ और लिख नहीं सकती, केंद्र सरकार का ये कहना है. सोमवार को लोकसभा में सरकार ने बताया कि 2011 की सामाजिक-आर्थिक और जातीय जनगणना के अनुसार देश के ग्रामीण इलाकों में निरक्षर लोगों की आबादी करीब 32 करोड़ है, जो कुल ग्रामीण जनसंख्या का लगभग 35 फीसदी है.
मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने गुरजीत सिंह औजला के प्रश्न के लिखित उत्तर में भारत के ग्रामीण इलाकों में निरक्षर आबादी की सूची दी. इस सूची के अनुसार 2011 की सामाजिक-आर्थिक और जातीय जनगणना रिपोर्ट के मुताबिक देश के 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कुल ग्रामीण आबादी 88,66,92,406 है. इस आबादी में 31,67,95,697 लोग अनपढ़ थे. निरक्षर लोगों की संख्या कुल ग्रामीण जनसंख्या का 35.73 फीसदी है.
आंकड़ों के अनुसार फीसदी के हिसाब से राजस्थान में ग्रामीण निरक्षर का आंकड़ा सबसे अधिक है. यहां 47.58 फीसदी लोग अनपढ़ हैं जबकि, ऐसे लोगों की सबसे कम प्रतिशत लक्षद्वीप में केवल 9.30 फीसदी है. देश के सबसे ज्यादा शिक्षित राज्य केरल में 11.38 फीसदी गांवों में रहने वाले लोग निरक्षर हैं.
कुशवाहा के जवाब के अनुसार 2011 की जनगणना के अनुसार देश के ग्रामीण इलाकों में सात साल और इससे अधिक उम्र वाले लोगों में अनपढ़ लोगों की संख्या 22,96,32,152 रही, जो 2001 की जनगणना की तुलना में थोड़ी कम है. 2001 की जनगणना में यह आंकड़ा 25,41,49,325 का था.