केंद्र सरकार ने IAS, IPS और दूसरे अधिकारियों के लिए कैडर आवंटन की नई नीति को अंतिम रूप दिया है. इसका मकसद देश की शीर्ष नौकरशाही में देशभक्ति और राष्ट्रीय एकता की भावना सुनिश्चित करना है.
अखिल भारतीय सेवाओं भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS, IPS और IFoS) के अधिकारी राज्यों की जगह जोन के सेट में से कैडर चुनेंगे. तीनों सेवाओं के अधिकारियों को फिलहाल काम करने के लिए कैडर राज्य या राज्यों का एक समूह आवंटित किया जाता है.
उन्हें कुछ योग्यता शर्तों के बाद उनकी सेवा के दौरान केंद्रीय प्रतिनियुक्ति (सेंट्रल डेपुटेशन) पर भी तैनात किया जाता है. कार्मिक मंत्रालय द्वारा प्रस्तावित नई नीति में मौजूदा 26 कैडरों को पांच जोन में बांटा गया है.
जोन वन में सात कैडर AGMUT (अरुणाचल प्रदेश-गोवा-मिजोरम और केंद्र शासित प्रदेश), जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, राजस्थान और हरियाणा शामिल हैं.
जोन टू में उत्तर प्रदेश, बिहार, झाारखंड और ओडिशा जबकि जोन थ्री में गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ शामिल हैं. जोन फोर में पश्चिम बंगाल, सिक्किम, असम, मेघालय, मणिपुर, त्रिपुरा और नागालैंड शामिल हैं. पांचवें और अंतिम जोन में तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल शामिल हैं.
नई नीति के तहत, उम्मीदवार अपनी पहली पसंद के रूप में किसी एक जोन से एक राज्य, कैडर ही चुन सकते हैं. उनकी दूसरी, तीसरी, चौथी और पांचवीं पसंद अलग-अलग जोन से होनी चाहिए.
आम तौर पर उम्मीदवार अपने गृह प्रदेश को अपनी पहली पसंद जबकि पड़ोसी राज्यों को बाद की पसंद में रखते हैं.
कार्मिक मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि नई नीति में यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया जाएगा कि उदाहरण के लिए अगर कोई अधिकारी बिहार का है तो वह दक्षिणी और उत्तरपूर्वी राज्यों में काम करे जो कि हो सकता है कि उसकी पसंद के कैडर में शामिल नहीं हो.