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निजी अस्पतालों में मुफ्त इलाज करवा पाएंगे सरकारी कर्मचारी

सरकार के द्वारा जारी नए नियमों के बाद सरकारी कर्मचारियों को निजी अस्पतालों में इलाज करवाने में आसानी होगी

Kangkan Acharyya

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के लिए निजी अस्पतालों में इलाज कराना आसान बना दिया है. केंद्रीय सरकारी कर्मचारी अब सेंट्रल गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम यानी सीजीएचएस के तहत इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं. मंत्रालय द्वारा जारी नई अधिसूचना के मुताबिक, केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों को अब सीजीएचएस अस्पतालों की तरह कुछ चुनिंदा निजी अस्पतालों में इलाज कराने की सुविधा प्रदान की जाती है.

दरअसल सीजीएचएस केंद्रीय कर्मचारियों, पेंशनभोगियों और उनके आश्रितों को विस्तृत चिकित्सा सुविधा (मेडिकल केयर) प्रदान करता है. लेकिन सीजीएचएस की ये सुविधा कुछ खास शहरों तक ही सीमित है.सीजीएचएस के तहत लाभ पाने वालों के लिए नियमों में संशोधन इसलिए किया गया है, ताकि सरकारी अस्पतालों पर मरीजों का बोझ कम हो. साथ ही 45 लाख से ज्यादा केंद्रीय कर्मचारियों को वक्त पर माकूल इलाज मिल सके. नए नियम ने मरीजों को निजी अस्पताल में रेफर कराने की प्रक्रिया को आसान बना दिया है. इसके अलावा केंद्रीय कर्मचारियों को अब विशिष्ट रोगों के इलाज के लिए दर-दर भटकना नहीं पड़ेगा, क्योंकि सीजीएचएस ने इसके लिए निजी अस्पतालों की एक सूची बनाई है. सीजीएचएस की इस सूची में निजी अस्पतालों की फीस की रेट लिस्ट का भी जिक्र किया गया है.


क्या हैं मौजूदा नियम

मौजूदा नियमों के मुताबिक, हर केंद्रीय कर्मचारी को एक सीजीएचएस कार्ड मिलता है, जिसके जरिए उसे सरकारी अस्पतालों में नि: शुल्क इलाज की सुविधा मिलती है. साथ ही सीजीएचएस की सूची में शामिल निजी अस्पतालों में इलाज कराने पर उस अस्पताल की फीस में छूट मिलती है.

लेकिन निजी अस्पताल में छूट का लाभ पाने के लिए कर्मचारियों को रेफरल की मुश्किल प्रक्रिया से गुजरना पड़ता था. निजी अस्पताल में रेफर कराने के लिए मरीज को सीजीएचएस अस्पताल से एक रेफरल लेटर प्राप्त करना जरूरी था. इस रेफरल लेटर में मरीज का नाम लिखा होना अनिवार्य हुआ करता था. अब नया नियम न सिर्फ इस दुरूह प्रक्रिया को खत्म कर देगा, बल्कि मरीजों को सीजीएचएस की सूची में शामिल कुछ खास निजी अस्पतालों में विशिष्ट रोगों के इलाज की सुविधा भी प्रदान करेगा.

नई अधिसूचना के मुताबिक, "यह फैसला लिया गया है कि, सीजीएचएस के लाभार्थी केंद्रीय कर्मचारियों को अब सीजीएचएस की दर सूची के तहत आने वाले निजी अस्पतालों में इलाज कराने की अनुमति प्रदान की जाती है. सीजीएचएस लाभार्थियों को अब निजी अस्पतालों में इलाज कराने के लिए केंद्र सरकार/राज्य सरकार के खास अस्पतालों के विशेषज्ञ डॉक्टरों, मेडिकल ऑफिसर या अन्य किसी के रेफरल लेटर (अनुमति पत्र) की आवश्यकता नहीं है."

मयूरी बोरा नाम की एक केंद्रीय कर्मचारी ने फर्स्टपोस्ट को बताया कि, पहले निजी अस्पताल में इलाज कराने के लिए उन्हें सीजीएचएस अस्पताल से एक रेफरल लेटर लेना पड़ता था, लेकिन सीजीएचएस अस्पताल तब अपने प्रावधानों के तहत इलाज कराने की छूट दिया करते थे. ऐसे में रेफरल लेटर प्राप्त करना अक्सर एक मुश्किल काम बन जाता था.

मयूरी बोरा के मुताबिक, "रेफ़रल लेटर पाने के लिए केंद्रीय कर्मचारी को आमतौर पर सीजीएचएस डॉक्टर के यहां दो-तीन दिन चक्कर लगाने पड़ते हैं. इस दौरान रेफ़रल लेटर पाने के लिए उसे डॉक्टर का मान-मनौव्वल भी करना पड़ता है. लेकिन अब नए नियम से ये समस्या दूर हो जाएगी, क्योंकि अब रेफरल की कोई आवश्यकता ही नहीं होगी."

गौर करने वाली बात ये है कि, नया नियम अब केंद्रीय कर्मचारियों को सूचीबद्ध निजी अस्पतालों में नि: शुल्क इलाज की सुविधा मुहैय्या कराएगा.

कैसे मिलेगा नए नियमों का फायदा

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की अधिसूचना के मुताबिक, "सीजीएचएस की सूची में शामिल निजी अस्पताल अब पेंशनभोगियों, पूर्व सांसदों, स्वतंत्रता सेनानियों, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के नियमित कर्मचारियों और सीजीएचएस लाभार्थियों और उनके आश्रितों को कैशलेस इलाज की सुविधा प्रदान करेंगे. लेकिन सूचीबद्ध निजी अस्पतालों में इलाज शुरू कराने से पहले मरीज को वहां सरकारी अस्पताल के विशेषज्ञ डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन (चिकित्सा विधि) को दिखाना होगा, या सीजीएचएस के किसी मेडिकल ऑफिसर का प्रमाण पत्र दिखाना होगा. इसके अलावा मरीज को निजी अस्पताल में कराए गए इलाज का बिल अपने विभाग के सक्षम अधिकारियों के सामने प्रस्तुत करना होगा."

अरुप बनिया नाम के एक केंद्रीय कर्मचारी ने फर्स्टपोस्ट को बताया कि, इससे पहले निजी अस्पतालों में इलाज कराने पर उन्होंने केवल अस्पताल की फीस में छूट का लाभ ही उठाया है, लेकिन अब स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की नई अधिसूचना के बाद वो नि: शुल्क इलाज का लाभ उठा पाएंगे.

अरुप बनिया के मुताबिक, "पहले के नियम के अनुसार, सूचीबद्ध निजी अस्पतालों में इलाज के लिए हम सीजीएचएस कार्ड्स के साथ डिस्काउंट (छूट) का लाभ उठा सकते थे. इसके अलावा हम सीजीएचएस अस्पतालों से मुफ़्त इलाज का लाभ भी उठाते थे. लेकिन अब हम चाहे सरकारी अस्पताल में इलाज कराएं या निजी अस्पताल में, उससे इलाज के खर्चे में कोई अंतर नहीं आएगा. यानी अब हम दोनों जगहों पर मुफ्त इलाज का फायदा उठा सकते हैं."