अलग गोरखालैंड राज्य की मांग को लेकर दार्जिलिंग बंद के 28 दिन हो गए हैं. बीते 4 सप्ताहों से पुलिस और सुरक्षा बल पहाड़ियों की सड़कों पर गश्त कर रहे हैं. शहर में अंदर सभी मार्गों पर कड़ी निगरानी राखी जा रही है. इंटरनेट सेवा 25 दिनों से ठप पड़ी हुई है.
पार्टी सूत्रों ने बताया कि गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) ने बुधवार को दिन में पहाड़ी के विभिन्न हिस्सों में रैलियों का आयोजन किया. रक्षा सूत्रों ने बताया कि सोमवार रात में करीब 50 जवानों वाले सेना के एक कॉलम को कोलिमपोंग में तैनात किया गया.
दार्जिलिंग और सोनदा में हिंसा और आगजनी की घटनाओं के बाद वहां पहले से ही सेना के दो कॉलम तैनात हैं.
आंदोलन तेज करने अब होगा आमरण अनशन
मिरिक में मंगलवार को हुई सर्वदलीय बैठक में अनिश्चित हड़ताल जारी रखने और ‘गोरखालैंड’ की मांग को लेकर दवाब बनाने के लिए 15 जुलाई से आमरण अनशन करने का निर्णय लिया गया.