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गोरखपुर त्रासदी: ऑक्सीजन की कमी के लिए एक हफ्ते पहले ही किया गया था आगाह

हॉस्पिटल के संबंधित डिपार्टमेंट ने 3 और 10 अगस्त को अधिकारियों को ऑक्सीजन की कमी के बारे में बताया था.

FP Staff

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संसदीय क्षेत्र गोरखपुर के बाबा राघव दास अस्पताल में कथित रुप से ऑक्सीजन की कमी के चलते 63 बच्चों की मौत हो जाने से सूबे में हाहाकार मच गया है.

ऑक्सीजन की कमी से इतनी बड़ी संख्या में बच्चों की मौत हो जाना अपने आप में एक बड़ी त्रासदी के समान है. अस्पताल प्रशासन पर कई सवाल खड़े किए जा रहे हैं. लेकिन अस्पताल प्रशासन आरोप लगा रहा है कि भुगतान न हो पाने के चलते ऑक्सीजन सप्लाई एजेंसी ने सप्लाई बंद कर दिया है.


एएनआई ने जानकारी दी है कि ऑक्सीजन सप्लाई की देखरेख करने वाले हॉस्पिटल डिपार्टमेंट ने अधिकारियों को 3 और 10 अगस्त को ऑक्सीजन सप्लाई की कमी को लेकर खत लिखकर आगाह किया था.

लेकिन सप्लाई एजेंसी की एचआर मीनू वालिया का कहना है कि हमने कोई सप्लाई नहीं रोकी थी. वालिया का कहना है कि ये मौतें ऑक्सीजन की सप्लाई में कमी की वजह से नहीं हुई हैं. कोई ऐसे सप्लाई नहीं रोक सकता, हमें इसके परिणाम पता हैं.

वहीं, सूबे के स्वास्थ्य मंत्री आशुतोष टंडन ने कहा था कि ये मौतें ऑक्सीजन की कमी से नहीं हुईं, अभी भी अस्पताल में 100 सिलिंडर मौजूद हैं. वहीं जिले के डीएम ने पहले ही प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाकर कह दिया था कि ये मौतें ऑक्सीजन की कमी से ही हुई हैं.

इस मुद्दे पर अब राजनीति भी शुरू हो गई है. पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस घटना की कड़ी निंदा की है और कांग्रेस के कुछ नेता बीआरडी अस्पताल पहुंच गए हैं. अखिलेश यादव ने पीड़ितों के लिए 20-20 लाख के मुआवजे की मांग की है.

यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या ने कहा है कि विपक्ष हड़बड़ी में बयान दे रहा है. यूपी सरकार लोगों की सेवा के लिए प्रतिबद्ध है. कड़ी कार्रवाई की जाएगी.