उत्तरप्रदेश के गोरखपुर में दिल झकझोर देने वाली घटना सामने आई है. यहां के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में कथित रूप से ऑक्सीजन सप्लाई न मिल पाने के कारण करीब पिछले पांच दिनों 63 लोगों की मौत हो गई है. मरने वालों में ज्यादातर बच्चे हैं. विपक्ष इस घटना को योगी सरकार की लापरवाही कह रहा है. यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी गोरखपुर अस्पताल त्रासदी को लेकर योगी सरकार पर निशाना साधा है.
उन्होंने कहा कि सरकार सच सामने नहीं ला रही है. इसलिए स्थिति का जायजा लेने और सरकार व पार्टी को जानकारी देने के लिए समाजवादी पार्टी का प्रतिनिधिमंडल बीआरडी मेडिकल कॉलेज जाएगा.
उन्होंने आगे कहा कि सरकार अपना काम नहीं कर रही है. वो समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं को परेशान करने में व्यस्त हैं. बरेली और बलिया में देखिए क्या हुआ.
उत्तरप्रदेश के पूर्व सीएम ने कहा कि सरकार अपनी जिम्मेदारियों से भाग रही है. इसलिए कह रही है कि विपक्ष घटना पर राजनीति कर रहा है.
अखिलेश यादव ने कहा, मृतकों के परिजनों को लाश देकर भगा दिया गया. मृतक का पोस्टमार्टम तक नहीं हुआ है. भर्ती कार्ड भी गायब कर दिया गया है. उन्होंने मृतकों के परिजनों को 20-20 लाख रुपए मुआवजा देने की मांग की है. अखिलेश के अलावा बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी योगी सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि अस्पताल की स्थिति जानने के लिए हमने तीन सदस्यीय टीम का गठन किया है. ये टीम मुझे मौजूदा स्थिति के बारे में भी जानकारी देगी. साथ ही उन्होंने गोरखपुर घटना पर कहा कि इस दर्दनाक घटना के लिए बीजेपी सरकार की जितनी निंदा की जाए उतनी कम होगी.
इस मामले को लेकर यूपी सरकार के स्वास्थ्य मंत्री आशुतोष टंडन ने अपने बयान में कहा कि सभी मौतें पहले की हैं, आज सिर्फ 7 मौतें हुई हैं. हॉस्पिटल में आज भी 100 सिलिंडर मौजूद हैं. ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत नहीं हुई. आज जो भी मौत हुई हैं उनकी न्यायिक जांच के आदेश दे दिए गए हैं.
सरकार ने डीजीईएम को जांच के लिए भेज दिया गया है. गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में बच्चों की मौत के मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वास्थ्य मंत्री आशुतोष टंडन और पूरे विभाग को तलब किया है. आपको बता दें कि डीएम ने जहां मौत का कारण ऑक्सीजन की कमी को बताया है, वहीं सरकार इससे साफ इनकार कर रही है.